कलयुग में राम-लक्ष्मण का अवतार, भाई की जिंदगी के लिए निकाल दी अपनी किडनी
बैंगलुरु। रामायण के राम लक्ष्मण के बीच का प्यार और स्नेह भाई के प्रेम का प्रतीत बन गया है, लेकिन आज के जमाने में जहां आधुनिकता और अर्थ का बोलबाला है वहां भाईयों के बीच ये प्रेम दिखाई नहीं पड़ता है। लेकिन आज भी एक भाई ऐसा है जो अपने भाई के लिए अपने प्राण देने से नहीं कतराता है। जी हां बैंगलुरु शहर के रहने वाले अनिल पेशे से रेडियो जॉकी है।
उनके मन में अपने भाई के लिए स्नेह का अबांर भरा हुआ है। इसी भाईप्रेम का बंधन है कि अनिल ने अपने छोटे भाई की जिंदगी बचाने के लिए अपनी किडनी निकाल दी। अनिल के छोटे भाई का किडनी ट्रांसप्लांट होना बहुत जरुरी था। अगर ऐसा वक्त पर नहीं होता तो उसकी जान नहीं बच पाती। बड़े भाई अनिल ने बिना कुछ सोचे अपनी किडनी दान देकर भी की जिंदगी बचाई। आज आपको इसी मशीहा से मिलाते हैं। पेश है अनिल के सात बातचीत के कुछ खास अंश:
प्रश्न: आपको किडनी दान देने के लिए किससे प्रेरणा मिली ?
उत्तर : मैंने सबसे पहली बार 2001-2002 में किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में सुना। उस वक्त मेरे पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी बहन को अपनी किडनी दान की थी। मैंने उस वक्त सोचा कि अगर कभी मेरे साथ हुआ तो मैं क्या करुंगा। मैं कभी इस सवाल का जवाब नहीं ढ़ूढ़ पाया और अब जब कि मेरे भाई को इसकी जरुरत थी तब भी उत्तर नहीं दे पा रहा था। मुझे अपने भाई से प्रेम है। वो बचपन से मेरा दोस्त है। मुझे उसके प्रति जिम्मेदारी का अहसास होता है। वो एक न्यूरोसर्जन है जो कईयों की जिंदगियां बचाता है। ऐसे में उसका जीना बहुत जरुरी है।
प्रश्न: क्या आपकी पत्नी और आपके बच्चे आपके इस फैसले के लिए तैयार हो गए थे?
उतर: मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती यहीं थी। मेरे बेटे ने जब इसके बारे में सुना तो उसने सिर्फ इतना कहा कि अगर भविष्य में कभी जरुरत पड़ी तो वो अपने बहन के लिए अपनी धड़कन भी दे सकता है। मेरे इस फैसले के लिए मेरे पूरे परिवार ने मेरा साथ दिया।
प्रश्न: क्या ये आपका अपना फैसला था या फिर आपके भाई ने आपसे संपर्क किया ?
उत्तर: मेरी किडनी है तो फैसला भी मेरा ही होगा। उन्होंने मुझसे कहा, लेकिन मुझे कभी भी फोर्स नहीं किया।
प्रश्न: ट्रांसप्लांट के बाद अब आप दोनों का कैसा चल रहा है?
उत्तर: 10 दिन बीत जाने के बाद भगवान की कृपा से सब ठीक है। परिवार और दोस्तों की शुभकानाओं की वजह से हम बहुत ठीक है। इन सब के लिए हम अपनी पत्नियों का विशेष तौर पर स्वागत करना चाहेंगे। जिन्होंने हमारे लिए अपनी लाइफ स्टाइल को बदल दिया।
प्रश्न:
क्या
आप
अपने
रेडियो
के
जरिए
लोगों
से
अंग
दान
की
अपील
करेंगे?
उत्तर:
हां
बिल्कुल,
सोशल
मीडिया
आज
के
वक्त
में
बड़ा
हथियार
है।
हम
लोगों
से
इसके
लिए
अपील
करेंगे
और
जरुरतमंद
लोगों
की
मदद
करेंगे।