किसे इंप्रेस करने के लिये गुदवाये जाते हैं टैटू?
रील लाइफ से लेकर रियल लाइफ तक फैशन का ट्रेंड कभी रुकता नहीं। फिर वह चाहे गज़नी हेयर स्टाइल व आमिर के शरीर पर बने टैटू का हो या फिर मान्यता दत्त के लेडी फिंगर में बना टैटू, जो उन्होंने अपने पति संजय दत्त की याद में पिछले महीने बनवाया था। आम आदमी के बीच जायें तो तमाम ऐसे हैं, जो लड़कियों को इम्प्रेस करने व अपनी मोहब्बत को जाहिर करने के लिए भी टैटू का सहारा लेते हैं। फैशन व ग्लैमर इंडस्ट्री की नज़रें भी इन्ही पर टिकी रहती हैं। क्योंकि यह दौर है युवाओं का जो फैशन के संवाहक की भूमिका निभाते हैं।
किसी भी ट्रेंड को पॉपुलर व फ्लॉप बनाने में सबसे बड़ा हाथ युवाओं का ही होता है। एक समय था जब युवाओं में बॉडी बिल्डिंग और डिफरेंट हेयर कटिंग का चलन था, अब जमाना है बेहतरीन टैटू गुदवाने का। और दूसरों से डिफरेंट दिखने का। मजेदार बात यह है कि टैटू गुदवाने वाले युवाओं के इसके पीछे तर्क भी अजब-गजब हैं। अपनी प्रेमिका को इम्प्रेस करने के लिए हाथों में टैटू गुदवाने वाले लखनऊ के अभिषेक रस्तोगी ने बताया की इसे बनवाने में उन्हें बहुत दर्द हुआ था। फिर भी उन्होंने टैटू बनवाकर अपने साथी को सरप्राइज दिया और टैटू की दीवानगी को जाहिर किया।
खूबसूरत रंग बिरंगी डिजाइनें जब टैटू के माध्यम से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में उकेरी जाती है तो इन अंगों की खूबसूरती और बढ़ जाती है। इन दिनों दो प्रकार के टैटू का चलन है एक टम्परेरी टैटू और दूसरा परमानेंट टैटू। टम्परेरी टैटू 10 से 15 दिनों तक शरीर पर रहता है, जबकि परमानेंट टैटू लम्बे समय तक रहता है बस जरूरत पड़ती है उसे सजोने की।
प्रथा 5000 वर्ष पुरानी
कहते है टैटू गुदवाने की प्रथा 5000 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है। पहले अदिवाशी व कबीलों में रहने वाले लोग टैटू बनवाते थे जो कि उनकी एक पहचान होती थी। न की शौक। वे अपना नाम, धर्म चिन्ह व देवी-देवताओं की आकृतियां बनवाते थे।
मेंलों में होता था
टैटू गुदवाने का काम ज्यादातर मेंलों में होता था। युवाओं द्वारा पसन्द किये जाने के कारण आज यह फैशन बन गया है। आज के युवा रीतिरिवाजों की किसी बाध्यता के कारण नहीं बल्कि अपने शौक के कारण टैटू बनवाते हैं।
सौम्या शुक्ला, पत्रकार
टैटू किसी को भी एक अलग लुक देता है। ग्लैमर के दौर में टैटू लगवाने की होड़ सबसे ज्यादा युवाओं में दिखायी देती है। वे फैशन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहते हैं।
सलोनी गिरीष, टीचर
मुझे टैटू लगवाना बिल्कुल पसन्द नही है लेकिन दूसरों को टैटू लगाये देखना अच्छा लगता। खाशकर लड़के जब टैटू बनवाकर घूमते हैं तो अलग दिखते हैं।
किसा जैदी, छात्र
लड़के जब अपने बाजू में टैटू लगवाते हैं तो अच्छे लगते हैं। हलांकि हमारे मज़हब में टैटू लगवाने पर पाबंदी है। लेकिन लड़कों पर ही टैटू अच्छे लगते हैं बस।
हेरा नकवी, छात्र
मैं टैटू को आधुनिक फैशन के रूप में देखती हूं। हालाकि इस्लाम में टैटू लगवान प्रतिबन्धित है क्योंकि इसमें रंगों का प्रयोग किया जाता है जिससे वुजू अर्थात पवित्र जल त्वचा में नही पहुंच पाता जिससे इंसान अशुद्ध रहता है। टैटू गुदवाने वाला इंसान नमाज़ अदा नही कर सकता।
नज़र अब्बास, छात्र
आज कल टैटू लोगों का फैशन जरूर है। लेकिन थोड़ी सी सजावट के लिए शरीर से खिलवाड़ करना मेरे हिसाब से सही नही है। लेकिन मैं इसका विरोध भी नही करता।
शशांक निगम, छात्र
टैटू एक परम्परागत कला है जिसका जिक्र इतिहास में साफ नज़र आता है। पहले कबीलों में रहने वाले लोग अपने हाथों में अपनी पहचान के लिए टैटू बनवाते थे।
प्रशान्त दुबे, छात्र
लखनऊ शहर में टैटू का चलन काफी हद तक बढ़ा है। मैं टैटू पसन्द करता हूं पर वो ज्यादा मंहगे नहीं।
कामना पांडे, छात्र
यह एक प्राचीन कला है जो अब मॉडर्न रूप में विकसित हुयी है।
पंकज, म्यूजीशियन
टैटू अच्छा लगता है पर डर भी लगता है क्योंकि इसमें साइड इफेक्ट का खतरा ज्यादा है।
अभिषेक रस्तोगी, व्यवसायी
मैं इसे पसन्द करता हूं और जहां तक मेरा सवाल है तो ज्यादातर युवा इसे पसन्द करता है इस बात का प्रमाण है टैटू वाली दुकानों पर लगी भीड़।
जॉन अभिनव, छात्र
मैं एक क्रिश्चन हूं जहां तक मैं जानता हूं टैटू एक प्राचीन कला है जिसे युवाओं ने आधुनिक बना दिया है।
योगेन्द्र पाण्डे, असिस्टेंट प्रोफेसर
फैशन कभी एक जगह रूकता नही वह बदलता रहता है उसी का एक रूप है टैटू। जो आज के युवाओं की पसन्द बन गया है।