Pics: बेहतरीन कारीगरी से युक्त इमारतें जो ढहा दी गईं
बेंगलुरु। दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं होगा, जहां इमारतों का निर्माण कर उन्हें गिराया नहीं गया हो। इमारत गिरती है या तो कमजोर होने की वजह से या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण या फिर लोग उसे गिरा देते हैं। लेकिन अफसोस तब होता है जब सौंदर्य से भरपूर इमारत गिरायी जाये। हम आपके सामने ऐसी ही कुछ इमारतें लेकर आये हैं, जिन्हें लोगों ने ध्वस्त कर दिया।
इन इमारतों में भारत से लेकर अर्जंटीना और अमेरिका तक की बिल्डिंग हैं। ये वो इमारते हैं, जिन्हें बनाने वालों ने इतिहास रचा। इतिहास नक्काशी का, इतिहास बेहतरीन आर्किटेक्ट का, इतिहास कारीगरी का और बहुत कुछ। कई इमारतें तो सही रख-रखाव नहीं होने के कारण कमजोर पड़ गईं, तो कई युद्ध का शिकार हुईं, तो कई पर बुल्डोजर चला दिये गये।
Video: 12 सेकेंड में गिर गई 12 मंजिला इमारत
इन इमारतों की तस्वीरें देखने के बाद आप भी एक बार उनके कारीगरों की दाद देंगे, क्योंकि आज के परिवेश में एक बार फिर अमेरिका का ट्विन टावर बनाना संभव है, लेकिन वो नक्कशी, वो आर्किटेक्चर और वो सौंदर्य बनाना मुमकिन नहीं।
स्लाइडर में देखें इमारतें और उनके बारे में पढ़ें संक्षिप्त वर्णन
मूसा बाग कोठी, लखनऊ
लखनऊ में ही हरदोई रोड पर स्थित मूसा बाग जिसे अंग्रेजों ने मोंज्योर बाग का नाम दिया था एक आलीशान महल हुआ करता था। अवध की शान कहे जाने वाली मूसाबाग कोठी पर आज महज एक बाग रह गया है। कोठी नदारद है। इसका निर्माण आजम-उद-दौला ने नवाब सआदत अली खां के लिये 1803-04 में किया गया था। लेकिन महज 53 साल बाद आजादी के प्रथम युद्ध यानी 1857 में वो गोला-बारूद से ध्वस्त कर दी गई।
दिलकुशा पैलेस लखनऊ
दिलकुशा पैलेस, जिसे दिलकुशा कोठी भी कहा जाता है, का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। लखनऊ के दिल कुशा इलाके में यह इमारत अंग्रेजों के बारोक स्टाइल में बनायी गई। इसके आस-पास बने बाग का नाम दिलकुशा गार्डन रखा गया। सच पूछिए तो यह इमारत कभी लखनऊ का दिल हुआ करती थी, लेकिन आज इसके महज कुछ अवशेष ही बाकी रह गये हैं। 1857 की जंग के दौरापन इस इमारत पर तोपों और गोलियों की बौछार की गई, जिस वजह से इमारत का आधे से ज्यादा हिस्सा।
स्केलनोरा सुसिया
स्केलनोरा सुसिया अर्जेंटीना की वो इमारत है, जिसका निर्माण 1690-1710 में किया गया और कमजोर पड़ जाने के कारण 1910 में इसे ढहा दिया गया।
ऑलिव ब्रांच हाई स्कूल
अमेरिका के ओहियो में 1928 में ऑलिव ब्रांच हाई स्कूल का निर्माण किया गया। यह उस समय के प्रसिद्ध स्कूलों में से एक था। यहां पर माध्यमिक कक्षाओं के बच्चे पढ़ते थे। लेकिन इमारत का सही रखरखाव नहीं हो पाने के कारण इस पर 2007 में बुलडोजर चला दिया गया।
कॉनवेंटो डे सैन फिलिप
स्पेन की इमारत कॉनवेंटो डे सैन फिलिप मैड्रिड का निर्माण 1546 में हुआ था, लेकिन 1838 में इसे ढहा दिया गया।
एंटीग्युओ टीट्रो अर्जेंटिनो दे ला प्लाटा
एंटीग्युओ टीट्रो अर्जेंटिनो दे ला प्लाटा का निर्माण इतालवी आर्किटेक्ट लियोपोलडो रोशी ने किया था। इसका निर्माण ला प्लाटा शहर में 1887 में किया गया। यहां पर सभागार बनाया गया, जिसकी क्षमता 1500 लोगों की थी। 19 नवंबर 1890 में इसका उद्घाटन हुआ और 1977 में इसे तोड़ दिया गया।
मोगादिशू कैथेड्रल
इटली के आर्किटेक्ट ने मोगादिशू कैथेड्रल का निर्माण मोगाडिशू में किया। इसका निर्माण सोमाली सिविल वॉर के पहले हुआ। लेकिन युद्ध के दौरान गोला-बारूर का शिकार हो गई।
बैंक ऑफ डेल्ही
दि बैंक ऑफ डेल्ही का निर्माण 1800 की शुरुआत में हुआ। लेकिन 1857 की जंग में इस पर भारी गोलाबारूद ओ गोलियां चलायी गईं, जिस वजह से इमारत ध्वस्त हो गई।
लोडलो केसल
दिल्ली में लोडलो केसल का निर्माण भी 1800 की शुरुआत में हुआ, लेकिन 1857 की जंग में ब्रिटिश सेना ने इसके अधिकांश भाग को उड़ा दिया।
इक्वीटेबल बिल्डिंग अटलैंटा
इक्वीटेबल बिल्डिंग अटलैंटा का निर्माण 1892 में हुआ। यह इमारत करीब 117 फुट ऊंची थी। अटलांटा के जॉर्जिया में बनी इस इमारत के आर्किटेक्ट शिकागो के जॉन वेलबॉर्न रूट और डेनियल हडसन बुरहम थे। इस इमारत उस समय की सबसे ऊंची इमारत थी, जिसे 1971 में ध्वस्त कर दिया गया।
फेडरल कॉफी पैलेस, मेलबर्न
ऑर्स्टेलिया के मेलबर्न शहर में बने फेडरल कॉफी पैलेस का निर्माण 1890 में किया गया और 1972 में इसे ढहा दिया गया।
अर्जेंटीन पवेलियन
अर्जेंटीन पवेलियन का विशेष रूप से निर्माण यूनिवर्सल ऑफ पैरिस के लिये 1889 में किया गया था। इसे 1990 में तोड़ दिया गया।
प्रीमियर पर्मानेंट बिल्डिंग
1882 में प्रीमियर पर्मानेंट बिल्डिंग सोसाइटी का निर्माण रिहाइशी इमारत के रूप में किया गया। इसका निर्माण आर्किटेक्ट विलियम पिट ने किया, जिसे बाद में ढहा दिया गया।
वेस्ट गेट फिरोजाबाद
फिरोजाबाद के वेस्टगेट का निर्माण 1350 में दिल्ली के सुलतान फिरोज़ शाह ने कराया था। यह फिरोजाबाद का पश्चिमी द्वार भी माना जाता था। आजादी की लड़ाई में यह इमारत भी गोली-बारूद का शिकार हो गई।
जॉर्जियन शिलिंगली पार्क, ससेक्स
इंग्लैंड के ससेक्स में जॉर्जियन शिलिंगली पार्क में इस इमारत का निर्माण 1800 में किया गया था। लेकिन 1901 में इस इमारत में आग लग गई और सब कुछ जलकर खाक हो गया।
पैलाडियन मेंशन, लैंकाशायर
1800 की शुरुआत में इंग्लैंड के लैंकाशायर में बने पैलाडियन मेंशन की यह शानदार इमारत 1925 में ढहा दी गई।
टेम्पल बिल्डिंग, टोरंटो
टोरंटो में टेम्पल बिल्डिंग का निर्माण 1896 में किया गया, लेकिन 1970 में इसे ढहा दिया गया। यह अपने समय की सबसे ऊंची इमारत थी। जिसके आर्किटेक्ट का नाम जॉर्ज डब्ल्यू गुनलॉक था।
टाउन हॉल, पंजाब
पंजाब के हरमंदिर में टाउन हॉल का निर्माण 1862 में किया गया। इसका निर्माण कार्य 1874 में जाकर पूरा हुआ। यहां एक घंटाघर भी लगाया गया। इसे 1945 में ढहा दिया गया।
डीपडेन, सररे
सररे में डीपडेन इमारत का निर्माण 1807 में किया गया। लेकिन 1967 में शहरीकरण के चलते इसे ढहा दिया गया।
कोटेसी नॉरफॉक
जेर्निघम्स में करीब 400 साल पहले कोटैसी नॉरफॉक का निर्माण किया गया, जिसे 1925 में ढहा दिया गया।
कैसियोबरी, हर्टफोर्डशायर
इंग्लैंड के हर्टफोर्डशायर में कैसियोबरी का निर्माण 1800 में किया गया, जिसे 1927 में ढहा दिया गया।
बाबरी मस्जिद, अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बादशाह बाबर ने 1527 में बाबरी मस्जिद बनवायी थी, जिसे 1992 में ढहा दिया गया। मस्जिद के अंदर काफी खूबसूरत नक्काशी हुआ करती थी। इसे ढहाये जाने के बाद पूरे भारत में दंगे हुए।