क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भड़काऊ भाषण पर वरुण गांधी के खिलाफ याचिका खोलेगी जीत के द्वार

By Naveen
Google Oneindia News

[नवीन निगम] भारत में राजनेता दो तरह की नीति पर चलते है एक वो जिससे वोट मिल सके और दूसरी जिससे कानूनी शिकंजे में वह न फंस सके। उप्र में भाजपा के नए चेहरे वरुण गांधी पर फिर से केस दर्ज करने पर वरुण गांधी इसी नीति पर चलते दिखाई पड़ेंगे। हम भले ही यह सोचकर खुश हो कि वरुण गांधी के लिए अब सियासत मुश्किल हो जाएंगी, लेकिन होगा इसका उल्टा।

वरुण गांधी पर जितने ज्यादा केस दर्ज होंगे उनकी बहुसंख्यक समाज में लोकप्रियता तेजी के साथ बढ़ेगी, क्योंकि सपा अल्पसंखयक वोट बैंक को बनाए रखने के लिए जिस तरह उतावली हो रही है उसकी प्रतिक्रिया बहुसंख्यक समाज में तेजी के साथ देखी जा रही है और उस फसल को काटने के लिए वरुण गांधी की छवि का भाजपा जमकर लाभ उठाने की तैयारी में हैं। ऊपर से पार्टी यहीं कहेंगी कि हमारे नेता को फंसाया गया है लेकिन वरुण गांघी की रैली में यदि कार्यकर्ता साम्प्रदायिक नारे लगाए और वरुण गांधी हाथ उठा-उठाकर शांत करते रहे तो काम तो होता रहेगा। कोई केस दर्ज करेगा तो बयान आ जाएगा कि साम्प्रदायिक नारा तो जनता लगा रही थी वरुण गांधी तो उसे शांत करने में लगे थे। सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी, बात भी पूरी हो जाएंगी वोट बैंक भी भाजपा का मजबूत होता जाएगा और सीटें भी।

ज्ञात हो कि वरुण गांधी पर 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान एक ख़ास समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था लेकिन पीलीभीत की एक निचली अदालत ने उन्हें दोनो मामलों में बरी कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार के अलावा मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ से जुड़े अवामी काउंसिल फॉर डेमोक्रेसी एंड पीस के महासचिव असद हयात ने भी इसी मामले में अदालत में अपील दायर की है। उत्तर प्रदेश सरकार की अपील को अदालत ने स्वीकार कर लिया है, लेकिन असद हयात की अपील पर 11 जून को फैसला सुनाया जाएगा।

सपा सरकार खास तौर पर अखिलेश यादव ने राजनीति की इसी बारीकी को समझते हुए वरुण गांधी पर केस दर्ज सजा दिलाने में ज्यादा रुचि नहीं ली थी और यह सही भी था क्योंकि वह जानते थे कि इसमें जितना ज्यादा सरकार आगे बढ़ेगी भाजपा को उतना ही ज्यादा फायदा पहुंचाएंगी। लेकिन जब यह बात प्रसारित की जाने लगी कि सरकार वरुण गांधी को बचा रही है तो सरकार को फिर से अपील करनी पड़ी नहीं तो सरकार की मंशा यही थी कि इस मामले को निपटाकर भाजपा को इसका चुनावी फायदा लेने से रोका जाए।

इस खबर से हो सकता है कि वरुण गांधी थोड़ा चिंतित हो लेकिन भाजपा के आला नेताओं की प्रसन्नता देखते ही बनती है। भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी ने इस खबर पर छूटते ही कहा ...भाईसाहब अब देखिएगा भाजपा उप्र में किस प्रकार नम्बर एक बनती है और वरुण गांधी को भाषण देने पर यदि थोड़ी बहुत सजा हो गई तो समझ लीजिए लोकसभा के चुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता, अगर सजा होती है तो हम हिंदू समाज को जगाने का काम करेंगे।
अगर आडवाणी भाजपा में आला दर्जे के नेता बने तो क्यों, नरेंद्र मोदी क्यों पीएम पद के प्रत्याशी बनने जा रहे हैं। क्योंकि यह कभी न कभी हिंदू धर्म की पताका उठाने वाले नेता की छवि बना चुके है। क्यों वरुण के बयान पर भाजपा ने पहले किनारा कस लिया और बाद में उन्हें न केवल महासचिव बनाया बल्कि उनमें उप्र का सीएम भी देखने लगी।

क्या इस भाषण को देने से पहले वरुण गांधी का परिचय मात्र इतना था कि वह संजय गांधी के पुत्र और मेनका गांधी के लड़के है जो पीलीभात से सांसद हैं। वरुण गांधी को पहली बार उनके नाम से तभी पहचाना जाना शुरूकिया गया जब उनका यह बयान आया। 2009 में इस बयान के बाद वरुण गांधी भाजपा में कितनी सीढ़ी चढ़ चुके है। इसलिए सपा सरकार इस मामले को शांत करके ठीक दिशा में काम कर रही थी लेकिन अल्पसंख्यकों की बात करने वाले संगठनों ने वरुण गांधी के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें तो शायद निजी नुकसान पहुंचा दिया हो लेकिन अनजाने में वह भाजपा को फायदा पहुंचा बैठे हैं।

English summary
The appeal against Varun Gandhi on hate speech will open the door of success for him in next Loksabha Election. This will definitely give the political benefit to Bhartiya Janta Party.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X