पुलिस ‘दबंग’ से तो ‘डॉन नं-1’ से प्रेरणा लेगा ‘कोबरा’!
बांदा (रामलाल जयन)। उत्तर प्रदेश की पुलिस हिन्दी फिल्में ‘दबंग' और ‘सिंघम' देखकर अपनी बिगड़ी छवि सुधारने का मन बनाया है तो बुंदेलखंड का महिला जन संगठन ‘नागिन गैंग' का सहयोगी ‘कोबरा' दक्षिण भारत की हिन्दी फिल्म ‘डॉन नं.-1' में ‘सूर्या' की भूमिका से प्रेरणा लेकर महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा में विराम लगाने की रणनीति बनाई है।
उत्तर पंदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) देवराज नागर ने हाल में आयोजित पुलिस अधिकारियों की बैठक में हिन्दी फिल्में ‘दबंग' और ‘सिंघम' देखकर पुलिस अधिकारियों की भूमिका निभा रहे अभिनेताओं से प्रेरणा लेकर आम जन मानस में पुलिस की बिगड़ी छवि सुधारने का हुक्म दिया है। इस हुक्म से साफ है कि दागदार होती जा रही ‘वर्दी' में निखार लाने की पहल शुरू हो गई है, पर नहीं लगता कि अपनी आदत से मजबूर इस मोहकमे में सुधार की गुंजाइस बची है।
आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध रहती है। विशेषकर महिला हिंसा से जुड़ी घटनाओं में पुलिस एकदम नकारा भूमिका अदा करती है। फिर भी यदि नए पुलिस प्रमुख की हिदायत का थेड़ा भी असर हुआ, वह भी काफी होगा। पुलिस अधिकारी ‘दबंग' और सिंघम' फिल्में देखकर प्रेरणा लें या न लें, पर बुंदेलखंड का महिला जन संगठन ‘नागिन गैंग' ने महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही हिंसा को रोंकने के लिए अपने सह संगठन ‘कोबरा' के पुरुष पदाधिकारियों को दक्षिण भारत की हिन्दी फिल्म ‘डॉन नं.-1' में ‘सूर्या' की भूमिका अदा कर रहे अभिनेता के नक्शेकदम पर चलने का फरमान जारी किया है। इस फिल्म को देखने के लिए हर कार्यकर्ता को एक-एक डीवीडी कैसेट दी गई है।
नागिन गैंग की वाइस चीफ कमांडर मनोज सिंह का कहना है कि ‘इस हिन्दी फिल्म का शुरुआती डॉयलॉग ‘विद्या के मंदिर में पाप की घंटिया मत बजाना, वरना मौत का घंटा बजाएगा सूर्या भाई' पर अमल करने की आवश्यकता है, तभी बढ़ रही महिला हिंसा में विराम लगा पाना संभव होगा।' नागिन गैंग के सह संगठन ‘कोबरा' की मुखिया नेहा कैथल (शीलू) ने बताया कि ‘इस फिल्म में सूर्या रेप करने वाले पुलिस अधिकारी को सरेआम मौत की सजा देता है, यही तमाम वजहे हैं कि वह डॉन होकर भी लोगों के दिलों में राज करता है।'
बकौल नेहा कैथल, ‘कोबरा में शामिल सभी दस पुरुष पदाधिकारियों को इस फिल्म की डीवीडी कैसेटें इस आशय से वितरित की गई हैं कि वह बारीकी से उसे देखें और महिला हिंसा रोंकने में सहायक सिद्ध हों।' ‘आईएएनएस' के एक सवाल पर नेहा कहती हैं कि ‘कोबरा नागिन गैंग का सहयोगी संगठन है, जो महिला हिंसा के खिलाफ पुरुष वर्ग को जागरूक करेगा और महिलाओं व बच्चियों की आबरू की हिफाजत करेगा। यदि इस पर भी हिंसा में रुकावट न हुई तो कानून में निहित प्रावधानों के तहत सजा भी दी जा सकती है।'
कुल मिलाकर फिल्मी प्रेरणा लेने में पुलिस प्रमुख और नागिन गैंग आमने-सामने हैं। एक तरफ जहां पुलिस मोहकमा हिन्दी फिल्मों के जरिए अपनी बिगड़ी छवि सुधारने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर महिला हिंसा के इजाफे से त्रस्त यह महिला जन संगठन फिल्मी अंदाज में आरोपियों से निपटने की तैयारी कर रहा है। अब देखना यह है कि फिल्मी नसीहत इन दोनों में से किसको फायदेमंद साबित होगी।