आरुषि का प्राइवेट पार्ट साफ करने वाली नुपुर को बचा रहे थे सीबीआई अधिकारी
जिरह के दौरान जब उनसे पूछा गया कि आपने नुपुर तलवार को गिरफ्तार क्यों नहीं किया तो उन्होंने बताया कि ''मैं नुपुर तलवार को गिरफ्तार करना चाहता था मगर मेरे सीनियर अफसर एसपी नीलाभ किशोर ने मुझे इसकी अनुमति नहीं दी।'' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने किशोर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई तो कौल ने कहा कि वो मेरे वरिष्ठ थे और अगर उन्होंने इजाजत नहीं दी तो गिरफ्तारी नहीं हो सकती थी। कौल ने कहा कि मजिस्ट्रेट को सौंपी गई क्लोजर रिपोर्ट में नुपूर तलवार की भूमिका का जिक्र किया गया था।
एजीएल कौल ने बताया कि विवेचना के दौरान उपलब्ध साक्ष्य और सामान के आधार पर ही नुपुर तलवार को गिरफ्तार किया जा सकता था। उन्होंने बताया कि मैं नुपुर को गिरफ्तार कर पूछताछ करना चाहता था मगर मेरे सीनियर अफसर ने मना कर दिया। यह कहना सही है कि अंतिम रिपोर्ट में मैंने नूपुर तलवार का नाम अभियुक्त के कॉलम में नहीं दिखाया है, मगर अंतिम रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि अपराध दोनों अभियुक्तों ने मिलकर किया। उल्लेखनीय है कि हेमराज और आरुषि की हत्या के बाद नुपुर तलवार ने सारे साक्ष्य मिटा दिये थे।
चुकि आरुषि हेमराज के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थी इसलिये नुपुर ने उसके प्राइवेट पार्ट साफ किये और उसका लोअर चेंज किया था। आपको बता दें कि 15-16 मई की उस रात की पूरी कहानी सीबीआई के वकील ने जिरह के दौरान कोर्ट को सुनाई है, इसलिए अब जो भी तथ्य सामने आये हैं वो सीबीआई की कहानी है। अभी इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट का आखिरी फैसला आना अभी बाकी है। अब जाहिर है कोर्ट सीबीआई की इस कहानी को मान भी सकती है और खारिज भी कर सकती है।