सिर्फ खास तक ही सीमित रहा चिदंबरम का 'हैंगआउट'
नई दिल्ली। सोशल मीडिया की ताकत को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गूगल पर भी ऑनलाइन कांफ्रेंस कर अपने बजट का बचाव किया। गूगल हैंगआउट पर इस कांफ्रेंस से पहले तमाम सोशल नेटवर्किंग साइटों पर इस आयोजन का माहौल बनाने की पूरी कोशिश की गई। लेकिन आम आदमी से सीधे जुड़ने की कोशिश के तौर पर प्रचारित इस कार्यक्रम में भी वही लोग छाए रहे, जो वित्त मंत्रालय तक पहुंच रखते हैं। युवाओं का ध्यान खींचते हुए वित्त मंत्री ने इस मौके पर वर्चुवल पॉलिटिकल पार्टी का आइडिया दिया। उन्होंने इंटरनेट ब्राडबैंड की पहुंच गांव की चौपाल तक करने की जरूरत को एक बार फिर दोहराया।
वित्त मंत्री के साथ गूगल हैंगआउट पर सवाल पूछने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीएमडी आनंद महिंद्रा, जेपी मॉगर्न के चीफ इकनॉमिक्ट जहांगीर अजीज, एक्सिस कैपिटल के सीईओ मनीष चोखानी और गूगल इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित सिंघल मौजूद थे। वित्त मंत्री बजट से पहले और बजट के बाद उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुके थे, इसके बावजूद आम नागरिक के साथ संवाद की कमान भी उद्योग जगत के हाथों में रही।
गूगल हैंगआउट पर भी वित्त मंत्री ने सोने के बढ़ते आयात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर एक साल के लिए सोना आयात नहीं करें, तो देश के चालू खाते का आधा घाटा पट सकता है। एक बार फिर 9 फीसदी की ऊंची विकास दर लौटाने और राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.8 फीसदी के अंदर सीमित रखने जैसे बातें भी चिदंबरम ने दोहराई।
इंफ्रास्ट्रक्चर में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को खूब बढ़ावा दे रहे वित्त मंत्री ने खेती में भी पीपीपी पर जोर दिया है। खेती के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यों को किसानों के साथ पीपीपी प्रोजेक्ट चलाने चाहिए। सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़ने के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी यूपीए सरकार से काफी आगे हैं। गूगल हैंगहाउट का इस्तेमाल मोदी ने गुजरात चुनाव में किया था। इसकी कामयाबी के बाद अब केंद्र सरकार भी अपनी बात करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का रुख कर रही है। आगामी 29 मार्च को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी गूगल हैंगआउट पर इसी तरह की कांफ्रेंस करेंगे।