हेलीकॉप्टर डील मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं: पूर्व वायुसेना चीफ
प्रतिष्ठित अकबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुलाबिक एसपी त्यागी पर इटली की जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में खुलासा किया गया है। तकरीबन 3,600 करोड़ रुपए की इस रक्षा डील के लिए कंपनी ने भारत में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत बांटी गई थी। घाटाले का खुलासा करने वाली जांच ऐजेंसी ने सेनाध्यक्ष के साथ-साथ उनके परिवार के तीन लोगों के नाम भी शामिल किए है। रिपोर्ट के मुताबिक इस घोटाले में एसपी त्यागी के साथ-साथ उनके परिवार को भी फायदा पहुंचा है। अपने उपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए पूर्व वायुसेना चीफ एसपी त्यागी ने दलील दी है कि चौपर की खरीद-फरोख्त का मामला 2010 का है जबकि मैं 2007 में ही अपने पद से रिटायर हो चुका था। ऐसे में इस खरीद-फरोख्त से मेरा कोई वास्ता कैसे हो सकता है। लेकिन इटली की जांच ऐजेंसी द्वारा कराए गए जांच में एसपी त्यागी का नाम शामिल है। पूर्व वायुसेना चीफ ने टेंडर में किसी भी तरह के फेरबदल से साफ इन्कार करते हुए जांच की मांग की है।
खबर के खुलासे के बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि जब तक सीबीआई की जांच रिपोर्ट नहीं आती है तब तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ अगर जांच के बाद आरोप साबित होते है तो वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। रक्षा-सौदे घोटाला मामले में कंपनी के सीईओ को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। बजट सत्र ने पहले रक्षा डील में हुए इस घोटाले ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। इस घोटाले के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। विपक्ष नेइस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। वही सरकार ने इस खुलासे के बाद हैलिकॉप्टरों की अगली खेप को मंगवाने से मना कर दिया है और केस सीबीआई को सौंप दी है। इस रश्रा -सौदे के मुताबिक भारत ने 2010 में फिनमैकेनिक की सहयोगी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ 12 चौपरों की डील की थी।