सनसनीखेज खुलासा: सोनिया की टीम चाहती थी कसाब को बचाना
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली टीम नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) के दो सदस्यों ने मुंबई हमले के गुनहगार अजमल कसाब को बचाने की कोशिश की थी। इस बात का खुलासा जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के हवाले से सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया है कि अजमल कसाब की फांसी माफ करने के लिये 203 लोगों ने राष्ट्रपति के पास अर्जी भेजी थी जिनमें से दो अर्जियां NAC सदस्यों की भी थी।
इंग्लिश अखबार द पायनियर में प्रकाशित खबर की मानें तो आरटीआई से साफ हुआ है कि NAC की मौजूदा सदस्या अरुणा रॉय और पूर्व सदस्य हर्ष मंदर उन कई सारे पात्रकारों और एक्टिविस्टों में शामिल हैं जिन्होंने कसाब की फांसी की सजा माफ करने की मांग की थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपीए और NAC पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन लोगों ने आतंकी की सजा माफ करने की मांग की वही लोग एनएसी में बैठकर देश का भविष्य तय कर रहे हैं और महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। इस संबंध में पायनियर ने जब हर्ष मंदर से बात की तो उन्होंने एक आर्टिकल भेजा।
उस आर्टिकल में लिखा था कि 'बेशक 26/11 मुंबई अटैक मामले में अजमल कसाब का ट्रायल एकदम फेयर था, लेकिन मुझे लगता है कि उसे फांसी की सजा लोगों के गुस्से को देखते हुए सुनाई गई थी। मैंने सजा माफी की बात नहीं की थी, सिर्फ फांसी की सजा माफ करने की अर्जी दी थी।