वरुण पर चल रहे मुकदमें में लगी दो नयी धाराएं
ज्ञात हो कि पिछले लोकसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उनके ऊपर कुछ मुकदमें दर्ज करा दिए गए थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अब्दुल क्यूम की अदालत में श्री गांधी पेश हुये और करीब दो घंटे तक सुनवाई होती रही। पक्ष व विपक्ष में बयान दिए जाते रहे। अदालत ने पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र का संज्ञान लिया और भारतीय दंड विधान की धारा 505(2) तथा 295 की धारा लगा देने का आदेश दिया।
पुलिस ने उनके खिलाफ पन्द्रह दिन पहले आरोप पत्र दाखिल किया था जिस पर आज अदालत ने आरोप तय कर दिये। मुकदमें की अगली सुनवाई 10 और 11 दिसम्बर को होगी। बरखेड़ा तथा कोतवाली थाने में श्री गांधी के खिलाफ 153(ए) 188 तथा जनप्रतिनिधि कानून की धारा 125 के तहत मामला 2009 में दर्ज किया गया था। इसमें बरखेड़ा में दो तथा कोतवाली में एक मामले दर्ज हुये थे। निर्वाचन आयोग के आदेश पर श्री गांधी पर 17 मार्च 2009 को बरखेड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया।
भड़काऊ भाषण को लेकर दूसरा मुकदमा इसी थाने में 19 मार्च को दर्ज किया गया। उनके भाषण के बाद विवाद शुरू हो गया कई लोगों ने उनके भाषण की निंदा की लेकिन वह अपने रवैये से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। श्री गांधी ने सात मार्च 2009 को दसनगर इलाके में एक बार फिर भड़काऊ भाषण दिया। मुकदमें की सुनवाई में दस गवाह पेश हुये जिन्होंने अपने बयान दर्ज कराए तथा वरुण के खिलाफ गवाही दी। वरुण गांधी की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तारी भी की गयी थी। उनको 16 अप्रैल 2009 को जमानत मिली। उच्चतम न्यायालय ने 14 मई 2009 को उत्तर प्रदेश सरकार को रासुका हटाने का निर्देश दिया। श्री गांधी के मुकदमें में आज दस गवाह प्रस्तुत हुये। इनमें पांच पुलिस वाले भी शामिल थे।