मंगल पर उतरा नासा का क्यूरियोसिटी, जश्न का माहौल
नासा की ढाई अरब डॉलर की लागत वाली मशीन मार्स साइंस लैबोरेटरी इस बात का पता लगाएगी कि क्या ब्रह्मांड में अकेले हैं या फिर अन्य किसी ग्रह पर भी जीवन है। मंगल ग्रह धरती का सबसे करीबी पड़ोसी है। वैज्ञानिकों ने वहां पानी होने के संकेत ढूंढ़े हैं जिससे इस बात की संभावना है कि वहां कभी किसी न किसी स्वरूप में जीवन रहा होगा।
अब यह एक शुष्क स्थान है जहां अत्यधिक सर्दी होती है और धूल भरे तूफान आते रहते हैं। नासा ने कहा था कि मार्स साइंस लैबोरैटरी यान और रोवर क्यूरियोसिटी भारतीय समयानुसार 11 बजे मंगल पर उतरेगा। नासा ने एक बयान में कहा कि क्यूरियोसिटी सही हाल में है और इसकी सभी प्रणालियां उम्मीद के अनुरूप काम कर रही हैं। परमाणु उर्जा संचालित रोवर ग्रह अन्वेषण के लिए बनाई गई अब तक की सबसे बड़ी यांत्रिक प्रणाली है। मार्स साइंस लैबोरटरी ने लाल ग्रह के लिए अपनी यात्रा आठ महीने पहले शुरू की थी। इसे फ्लोरिडा तट से नवम्बर 2011 के अंत में रवाना किया गया था।
क्यूरियोसिटी के बारे में कुछ अहम जानकारी
क्यूरियोसिटी में 6 पहिए लगे हुए है, और इसका वजन 900 किलो है। इसकी ऊंचाई 3 मीटर, स्पीड औसतन 30 मीटर प्रति घंटा है। यह मंगल पर 2 साल तक काम करेगा। इस दौरान यह लगभग 19 किमी की दूरी तय करेगा। यह मंगल पर रेडियोआइसोटॉप जेनरेटर से मिलने वाली बिजली से चलेगा। इसमें इधन के रूप में प्लूटोनियम-238 का इस्तेमाल किया जाएगा।