भारत के भविष्य के मार्गदर्शक हैं नरेंद्र मोदी
ऐसी परिस्थित आ गई है कि उम्मीदें खत्म सी होती दिख रही हैं, लेकिन जब उम्मीद की किरण उत्पन्न होती है, तब पूरा देश उसके ऊपर खुश होने लगता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ। देश के लिये यह सबसे अच्छा समय है, जब वह मोदी में मार्गदर्शक का प्रकाश देख रहा है। मोदी जिन्होंने खाद्य प्रबंधन के क्षेत्र में खुद को साबित भी किया है।
सिर्फ प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाएं, ग्लोबल थिंक टैंक, भारतीय बुद्धिजीवियों की ही आवाज़ नहीं है, बल्कि आम आदमी, किसान और भारत के युवाओं ने भी पिछले दो दशकों में गुजरात के विकास के लंबे कदमों को स्वीकार किया है। ये वह लोग हैं जो नरेंद्र मोदी को राष्ट्र के भविष्य के रूप में देखते हैं और हाल ही में एक प्रतिष्ठित लेखक ने अपनी राय रखी, जिसमें उन्होंने इंटरनेट से लेकर बिहार की सड़कों तक देश के मूड को दर्शाया।
जुलाई के पहले सप्ताह में 2 जुलाई को इंटरनेट और सोशल मीडिया की आंधी द्वारा भारतीय राजनीति में बहुत ही प्रासंगिक कार्य हुआ। भले ही लेखक का प्रोफाइल खड़िया और पनीर की तरह बिलकुल अलग है, लेकिन जो बिंदु उठाये गये वह समान थे।
1 जुलाई को टाइम्स ऑफ इंडिया ने चेतन भगत का एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने ऑनलाइन पोल पर टिप्पणी की। यह पोल फेसबुक फैनपेज पर कराया गया, जिसमें लोगों से एक आसान सवाल पूछा गया- भारत का प्रधानमंत्री किसे होना चाहिये? चेतन भगत को इस प्रश्न पर 10 हजार से ज्यादा जवाब मिले, जिनमें से 82 फीसदी वोट गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में गये। वहीं राहुल गांधी को मात्र 5 प्रतिशत वोट मिले और 13 प्रतिशत बाकी के लोगों को।
इसी तरह एक और ओपीनियन पोल सभी न्यूज वेबसाइट के प्रथम पेज पर प्रकाशित किया गया। यह पोल चेतन भगत के पोल से अलग था। "लेन्स ऑन न्यूज" ने बिहार पर ओपीनियन पोल कराया, जिसमें यही सवाल किया गया- "अगले लोकसभा चुनाव के बाद अगला प्रधानमंत्री किसे होना चाहिये?" लेन्स ऑन न्यूज पर बिहार के विभिन्न शहरों के 2147 लोगों ने वोट किये। इस पोल में वोट करते वक्त सभी की भौगोलिक स्थिति के बारे में भी पूछा गया था।