सुहागरात की सेज पर सामने आया 'अधूरी' दुल्हन का सच
युवक ने फिर अदालत की शरण ली और सच्चाई से रूबरू करवाया। मामले की जांच हुई और मेडिकल रिपोर्ट को आधार मानकर कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया और शादी को शून्य घोषित कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र के गांव रजापुर निवासी मल्टीनेशनल कंपनी के मैकेनिकल इंजीनियर सचिन पुत्र अवधेश कुमार की शादी 8 मई 2009 को टप्पल क्षेत्र के एक गांव की युवती सीमा (काल्पनिक नाम) के साथ हुई थी। शादी के बाद जब दंपति में शारीरिक रिश्ते नहीं बने तो बात बिगड़ने लगी।
शुरुआती दौर में मेरठ और गाजियाबाद के कई चिकित्सकों को सीमा को दिखाया गया। इस बीच कई बार पति-पत्नी ने साथ रहने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इस दौरान सचिन पर ससुरालियों ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। जब सीमा मायके में रहने लगी तो हर्जे-खर्चे का वाद भी दायर कर दिया गया। इस बीच कई बार सीमा ससुराल गई। रोज-रोज की झंझट से परेशान होकर सचिन ने पिछले साल गाजियाबाद कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई।
इस वाद में हाईकोर्ट ने त्वरित निस्तारण के साथ-साथ प्रकरण सुनवाई के लिए अलीगढ़ स्थानांतरण के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के निर्देश पर स्थानीय लघुवाद न्यायाधीश ‘सिविल जज’ राजीव कुमार अग्रवाल की अदालत में वाद की सुनवाई शुरू हुई। अदालत ने युवती का परीक्षण मेडिकल बोर्ड की सदस्य डा अनीता दत्ता और डा आबिदा लतीफ से कराया।
बोर्ड ने अपने कमेंट में साफ लिखा कि युवती के प्रजनन अंग शारीरिक रिश्ते बनाने योग्य नहीं हैं। उसका गर्भाशय भी असामान्य है। हां, अगर युवती के परिजन चाहें तो एक ऑपरेशन के जरिये टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिया जा सकता है।इस रिपोर्ट की आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सहवास पूर्ण नहीं तो विवाह की पूर्णता नहीं होती का भी फैसला सुनाया। इस आधार पर बुधवार को अदालत ने फैसले में शादी को शून्य करार दिया।