समर्थन वापसी की बात से पलट गये करुणानिधि
उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो केंद्र सरकार कमजोर हो जाएगी जोकि हम नहीं चाहते। करुणानिधि ने कहा था कि डीएमके केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी है लेकिन बावजूद इसके आम लोगों के खिलाफ सरकार के फैसलों को रोकने में पार्टी को कोई संकोच नहीं होगा। करुणानिधि ने कहा था कि हमने सरकार के साथ सामंजस्य बैठाने की काफी कोशिश की लेकिन डीएमके अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करेगी।
मालूम हो कि डीएमके के 18 सांसद केंद्र में यूपीए सरकार को समझौता दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि करुणानिधि ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कहा था कि जब कभी बुनियादी सिद्धांतों को नुकसान पहुंचा और गठबंधन सहयोगी होने के नाते हम मुद्दों को सुलझा नहीं पाए तो हमने विरोध की आवाज उठाने में हिचकिचाहट नहीं दिखायी। हम गठबंधन से बाहर आने में नहीं हिचके और उन सिद्धांतों को बरकरार रखा।