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...और कितना दर्द देगा महंगाई का नासूर

By प्रदीप शुक्‍ल स्‍वतंत्र
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Inflation
प्रदीप शुक्‍ल 'स्‍वतंत्र'

नई दिल्‍ली। पेट्रोल के दाम बढ़ाकर सरकार ने आम आदमी की जेब पर आग लगाने का काम किया है। पिछले तीन सालों से महंगाई के शोले लोगों के अरमानों को जला रहे हैं। बडे़-बड़े दावे करने वाली सरकार ने अचानक कमर तोड़ कर रख दी है। डीजल और घरेलू गैस के दाम बढ़ना लगभग तय हैं। यानी बहुत जल्‍द महंगाई का नासूर मौबाद बनकर फटना वाला है।

अब सवाल यह है कि सरकार पहले से ही त्रस्‍त आम आदमी की कमर क्‍यों तोड़ना चा‍ह‍ती है। पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम आदमी की जेब ढीली होगी, लेकिन अगर डीजल के दाम बढ़ते है तब तो महंगाई की मार झेलना निश्चित है। सूत्रों के अनुसार डीजल के दाम 5 रूपये बढ़ सकते है। अगर ऐसा हुआ तो यह दिन दूर नहीं कि लोग आत्‍महत्‍या करने लगेंगे, क्‍योंकि पहले से ही लोगों पर पड़ी म‍हंगाई की मार झेली नहीं जा रही है।

पेट्रोल के दाम बढ़ने पर सरकार का बयान आया था कि डॉलर के लगातार गिरते स्‍तर के कारण पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़े। यह तर्क दिया गया कि भारत अपने उपभोग का 80 फीसदी तेल आयात करता है। चूंकि तेल की कीमते अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तय होती है, इस पर भारत सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते।

सरकार की नीतियां कुछ भी हों, लेकिन आम जनता के लिए ये नीतियां नासूर बनती जा रही हैं। यह नासूर ऐसा-वैसा नहीं है, यह कभी भी मौबाद बनकर फट सकता है।

सबसे ज्‍यादा खपत डीजल की

पेट्रोलियम पदार्थो में सबसे ज्‍यादा खपत हमारे यहां डीजल का होता है। भारत अगर 100 रूपये का पूरा पेट्रोलियम पदार्थो आयात करता है तो, उसमे से 40 रूपये तो केवल डीजल खरीद में चले जाते है। दूसरा पेट्रोलियम पदार्थो के आयात में डीजल की हिस्‍सेदारी 60 फीसदी है। इसका मतलब है कि हमारे यहा डीजल पर बहुत कुछ निर्भर है।

क्‍योंकि यह माल वाहनों में, यात्री वाहनों में इस्‍तेमाल होता है, भारतीय रेल इसको इस्‍तेमाल करती है, किसान अपना पंपसेट इससे चलाते है , फैक्ट्रियों में यह काम में आता है। अगर डीजल के दाम बढ़े तो माल भाड़ा बढ़ेगा, यात्री किराया बढ़ेगा, चीजों की उत्‍पादन लागत बढ़ेगी, कृषी लागत बढ़ेगी। कुल मिलाकर देखा जाये तो दाल, चावल, दूध, दही, सब्‍जी, फल से लेकर फर्नीचर और किचन आईटम से लेकर हर चीज़ महंगी हो जाएगी।

इसका सीधा असर पड़ेगा देश के बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर, क्‍योंकि बढ़ती महंगाई में मां-बाप अपने बच्‍चों को फल खिलाना पहले ही छोड़ चुके हैं, वो दिन दूर नहीं जब वो सिर्फ चावल और नमक पर जिंदगी काट देंगे। वे वो बच्‍चे होंगे जो सेब और अनार खाने के लिए तरसेंगे। जनता का आक्रोश अभी से आगे आने लगा है। पेट्रोल की कीमत चढ़ते ही पेट्रोल पर हर मिनट 50 हजार से ज्‍यादा ट्वीट्स और फेसबुक पर भड़ास जनता का गुस्‍सा साफ दर्शा रही थी। हम यहां अपने एक पाठक की सिर्फ एक बात को बताना चाहेंगे जो उसने वनइंडिया के फैन पेज पर लिखा- अब सिर्फ खून चूसना बाकी रह गया है!

Comments
English summary
People in all over India have expressed their anger over UPA government for petrol price hike. Now if Diesel and LPG also gone up then what will happened?
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