भाजपा विधायक कृष्णानन्द के हत्यारोपी को मिली जमानत
एजाजुल को जेल से छोड़े जाने का आदेश गाजीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने दिया, जिसके बाद श्री अंसारी को दो महीने के पैरोल पर रिहा कर दिया गया। ज्ञात हो कि 29 नवम्बर 2005 को जिले के मोम्मदाबाद क्षेत्र से भाजपा विधायक कृष्णानन्द राय सहित सात लोगो की भावंरकोल थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर उस समय हत्या कर दी गई थी जब वे एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घघाटन करके अपने गांव गोडउर लौट रहे थे।
कहा गया कि श्री रास व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बीच कई मामलों को लेकर तनाव था जिस कारण उनकी हत्या कर दी गयी। परिणामस्वरूप इस हत्याकांड मे मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, उनके बड़े भाई और गाजीपुर के तत्कालीन सांसद अफजाल अंसारी व बहनोई एजाजुल सहित दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
इस मामले मे नामजद होने के बाद घटना के दूसरे ही दिन एजाजुल हक अंसारी ने आत्मसमर्पण कर दिया था। तब से वे जेल मे ही बंद थे इस दौरान उनकी जमानत प्रर्थना पत्र भी निरस्त हो चुके हैं। अब उच्च न्यायालय द्वारा वे पेरोल पर दो माह के लिए छोड़े जाने के आदेश की वजह से जेल से बाहर आये हैं।
सत्तर वर्षीय एजाजुल हक अंसारी मुहम्मदाबाद नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन रहे हैं। गौरतलब है कि इसी मामले मे सांसद अफजाल अंसारी को 2009 में उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद से बाहर है जबकि मुख्तार अंसारी अभी भी आगरा जेल मे निरुद्ध हैं और अब उनके विरुद्ध दिल्ली पुलिस द्वारा मकोका के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है।
इस मामले में लगभग साढे छह साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह तय नहीं हो सका कि मामले का विचारण किस न्यायालय द्वारा किया जायेगा जबकि मामले के आरोपी जनप्रतिनिधि होने के बावजूद विचाराधीन कैदी के रुप मे घटना के बाद से ही जेल मे निरुद्ध है।