एनसीटीसी राज्यों की क्षमता घटाएगा नहीं बल्कि बढ़ाएगा: मनमोहन
पीएम ने कहा कि एनसीटीसी के कार्यशील होने के लिए, यह जरूरी है कि उसके अधिकारों और कार्यक्षेत्र के लिए व्यापक सहमति तैयार की जाए। एनसीटीसी देशभर के आतंकवाद रोधी उपायों का संयोजन करेगी। आतंकवाद से निपटने के लिए देश को एक मजबूत राष्ट्रीय नजरिया एवं रणनीति कायम करनी होगी।
एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का उदघाटन करते हुए सिंह ने कहा कि आतंकवाद आज हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बडे़ खतरों में से है। इस बात से कोई असहमति नहीं है कि एक प्रभावशाली आतंकवाद रोधी व्यवस्था बने और प्रभावशाली तंत्र एवं जवाबी प्रणाली राष्ट्रीय एवं राज्य दोनों स्तरों पर हो।
उन्होंने कहा कि एनसीटीसी की अवधारणा मंत्री समूह और प्रशासनिक सुधार आयोग की ओर से आयी, जिन्होंने कारगिल में मिले सबक के बाद काम शुरू किया। सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि एनसीटीसी अपने स्वरूप और परिचालन के पहलुओं सहित राज्यों की आतंकवाद रोधी क्षमताओं को मजबूत करेगा न कि उनकी जडें खोदेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्रियों का ध्यान मानक कार्रवाई प्रक्रिया (एसओपी) की ओर आकर्षित किया, जिसका मसौदा केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वितरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मसौदा एनसीटीसी के सांगठनिक ढांचे और उसकी प्रस्तावित अधिकारों और कामकाज को लेकर केन्द्र-राज्य के बीच समन्वय के विस्तृत प्रावधानों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीटीसी सुचारू और प्रभावशाली रूप से काम कर सके, इसके लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके अधिकारों और कामकाज को लेकर हमारे बीच आम सहमति बने। हम चाहेंगे कि राज्य सरकारें इस पहल में हमारे साथ हों। हमारा मानना है कि आतंकवाद रोधी प्रयासों को एनसीटीसी और मजबूत करेगा।
लगभग 12 मुख्यमंत्रियों द्वारा एनसीटीसी के गठन का विरोध किये जाने के बाद बुलायी गयी इस बैठक में सिंह ने कहा कि एनसीटीसी का तंत्र हर राज्य की एजेंसी को आतंकवादी खतरे का बडा परिदृश्य देखने की क्षमता देगा और इससे आतंकवाद रोधी क्षमताओं को मजबूती मिलेगी।
एनसीटीसी पर केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सुरक्षा के नए आयाम में एनसीटीसी महत्वपूर्ण स्तंभ साबित होगा, आतंकवादी सीमाओं को नहीं मानते। देश को सुरक्षित बनाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। प्रस्तावित एनसीटीसी को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा कि आतंकवादी देशों या राज्यों की सीमाओं को नहीं मानते और आतंकवादी खतरा अब भौगोलिक सीमाओं से आगे नये आयाम बना रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें मिलकर काम करना होगा। साथ मिलकर, राज्य सरकारें और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करना होगा। विपक्ष और सत्तापक्ष को मिलकर काम करना होगा। सामाजिक संगठनों और सरकारी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा। मुझे यकीन है कि हम देश को सुरक्षित बना सकते हैं। गृहमंत्री ने कहा कि एनसीटीसी सुरक्षा के नये स्वरूप का महत्वपूर्ण स्तंभ होगा।
संविधान के तहत आतंकवाद से मुकाबला केन्द्र और राज्य सरकारों की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कई आतंकवादी संगठनों की उपस्थिति कई देशों में है और वे सीमाओं से परे आतंकवादी वारदात करने में सक्षम हैं। आतंकवाद से निपटने के लिए मानव संसाधन ही काफी नहीं होगा बल्कि इस लडाई में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण हथियार है।