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कैंसर से खतरनाक बन गया है कैंसर फोबिया

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Cancer
दिल्ली (ब्यूरो)। कैंसर खतरनाक रोग है। लेकिन इस रोग को लेकर खौफ इस कदर है कि तमाम लोग बेवजह लगातार जांच कराते रहते हैं। डाक्टरों के बार-बार मना करने के बावजूद वे टेस्ट कराते रहते हैं। एम्स के एक डाक्टर के मुताबिक कैंसर के बारे में जागरुकता का यह नेगेटिव पक्ष सामने आया है। साथ ही दूसरी समस्या नकली दवा को लेकर है। जिन्हें कैंसर हैं वे भी मुसीबत में हैं जिन्हें नहीं है वे फोबिया में जीवन घसीट रहे हैं।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार देश में 28 लाख कैंसर के रोगी हैं। साथ ही हर साल आठ लाख कैंसर के नए मामले भी सामने आ रहे हैं। लेकिन कैंसर की फोबिया से जिने वालों की संख्या 50 लाख से ऊपर है। कैंसर फोबिया की वजह है जागरुकता। इस जागरुकता का नेगेटिव पक्ष सामने आऩे लगा है। डाक्टर सुनील रस्तोगी कहते हैं खबरे छपती है मोबाइल से कैंसर हो सकता है। ये खाने से कैंसर हो सकता हैं। इससे कैंसर हो सकता हैं। जो लोग इन हालातों से जुड़े होते हैं उनमें से कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें कैंसर हो गया है। वे बेवजह टेस्ट कराते रहते हैं। डाक्टर अब ऐसे रोगियों को मनोचिकित्सक से इलाज कराने की सलाह दे रहे है। दूसरी ओर जिन्हें कैंसर हैं वे नकील दवाओं के कारण उनकी जिंदगी दांव पर लगी रहती है। सारी दुनिया में कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण दवा कारोबार कई गुना बढ़ गया है। चूंकि कैंसर की दवाएं काफी महंगी है इसलिए नकली दवाओं का कारोबार भी तेजी से फैल रहा है।

आम लोगों में असली-नकील दवा की पहचान करने की क्षमता नहीं होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार प्रतिवर्ष आठ से दस लाख कैंसर के नए मरीज सामने आते हैं। पिछले साल सबसे ज्यादा नए मरीज उत्तर प्रदेश में आए। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और तीसरे स्थान पर बिहार है। । कैंसर से पीड़ित 40 फीसदी लोग तंबाकू के सेवन करने वाले हैं। पुरुष जहां फेफड़े व मुंह के कैंसर के शिकार हो रहे हैं, वहीं महिलाएं गर्भाशय व स्तन कैंसर का शिकार हो रही हैं।कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी के दौरान आमतौर पर एवास्टीन दवा दी जाती है। यह दवा नकली दवा व्यापारियों के गिरफ्त में आ गई है। बड़े पैमाने पर यह दवा बाजार में सप्लाई की जा रही है। सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाना चाहती है। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई है जो इस बारे में अपनी राय भेजेगी।

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English summary
Cancer is a dreaded disease. But the fear about the disease so that many people simply are constantly visits doctors for test. According to doctors this is negative side of cancer awareness.
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