अमेरिका में जलाई गई कुरान, पाक में विरोध की आग
कुरान जलाने का दुस्साहस किया था फ्लोरिडा के एक अमेरिकी पादरी टेरी जोन्स ने। कुरान जलाने का कारण ये था की ईरान में रह रहे एक 32 वर्षीय व्यक्ति यूसेफ नादरखानी ने अपना धर्मातरण किया और ईसाई पादरी बन गया। उसकी इस हरकत से नाराज ईरान सरकार ने उसे 2009 में फांसी की सजा सुनाते हुए गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान में अमेरिका की निंदा
फ्लॉरिडा के इस अमेरिकी पादरी टेरी जोन्स की पकिस्तान ने कड़े शब्दों में निंदा की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पाक विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को कहा गया कि पाकिस्तान हाल ही में फ्लॉरिडा के क्वाट्रेक सेंटर में डव प्रमुख पादरी टेरी जोन्स द्वारा पवित्र कुरान की प्रतियां जलाए जाने की कड़ी निंदा की है।
वक्तव्य में कहा गया, "हमें लगता है कि इस तरह के कृत्यों से दुनिया में सिर्फ नफरत व हिंसा को बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि सभी सरकारों व संस्थानों की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मो व पंथों के लोगों में सद्भाव, शांति और एकता को प्रोत्साहित करे।"
घटना के खिलाफ पकिस्तान और अफगानिस्तान में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। अनेक धार्मिक और कंट्टरपंथी कार्यकर्ता इस्लामाबाद, कराची और मुल्तान की सड़कों पर उतर आए हैं और 'अमेरिकी मुर्दाबाद' के नारे लगाने लगे। अफगानिस्तान की लड़ाई में अमेरिका और उसके सहयोगियों की मदद करने वाले पाकिस्तानी नेताओं से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
यही नहीं आतंकी संगठन तालिबान ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तालिबान के समर्थक जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआइ) के महासचिव मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी की मांग है कि इस्लामिक देशों को अमेरिका के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करनी चाहिए। उसने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस (ओआइसी) से इस घटना की निंदा करते हुए एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है। उसने कहा कि हम अमेरिका को अपने धर्म और पवित्र कुरान का मजाक उड़ाने की इजाजत नहीं देंगे।