क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सांसदों के बारे में क्‍या गलत कहा बाबा रामदेव ने?

By Ajay Mohan
Google Oneindia News

Yog Guru Baba Ramdev and Anna Hazare
योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी एक सभा में कहा, "543 रोगी हिंदुस्तान को चला रहे हैं। संसद के अंदर शैतान, हैवान, जाहिल और दुराचारी लोग बैठे हुए हैं।" इस बयान पर देश भर के सांसद बाबा के खिलाफ लामबंद हो गये हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर बाबा की बात गलत है या बाबा का कहने का तरीका?

सच पूछिए तो बाबा का तरीका बिलकुल गलत है। बाबा रामदेव चाहे मीडिया से मुखातिब हो रहे हों, या किसी योग शिविर में योग सिखा रहे हों, वो कब क्‍या बोल जाते हैं शायद उन्‍हें खुद नहीं पता होगा। लेकिन अगर बाबा के शब्‍दों पर गौर करें तो उन्‍होंने जो कुछ भी कहा, वो सांसद पहले ही कह चुके हैं। बाबा ने मौखिक रूप से मंच से कहा, तो सांसदों ने लिखित रूप से दिया।

जी हां हम बात कर रहे हैं उन हलफनामों की जो सांसदों ने चुनाव लड़ते वक्‍त जमा किये। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश के 182 सांसदों ने चुनाव आयोग में हलफनामे दाखिल कर यह स्‍वीकार किया है कि उन पर गंभीर मुकदमें चल रहे हैं। यानी देश के 33 फीसदी सांसद कहीं न कहीं आपराधिक गतिविधियों में लिप्‍त हैं।

बाबा रामदेव को जब यह पता चला कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्‍ताव लाया जा रहा है, तो उन्‍होंने कहा कि वो अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे कोई भी प्रस्‍ताव उनके खिलाफ क्‍यों न लाया जाये। बाबा की यह चुनौती कोई छोटी-मोटी झिड़की नहीं है, सच पूछिए तो अगर बाबा अपने सहयोगियों के साथ आंदोलन छेड़ दें तो आने वाले समय में संसद में उन लोगों की एंट्री बैन हो सकती है, जिन पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं।

बाबा की बात और सांसदों के हलफनामों में फर्क बस इतना है कि बाबा ने खुले मंच से बोला और बातें पब्लिक के कानों तक पड़ीं, वहीं सांसदों के हलफनामें फाइलों के रूप में चुनाव आयोग के दफ्तरों में बंद रहते हैं।

अगर देश के सांसद के सांसद यह सोचते हैं कि बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल जैसे लोगों के खिलाफ निंदा प्रस्‍ताव लाकर वो ऐसे बयानों को रोक लेंगे, तो वो गलत हैं। सच पूछिए तो संसद में ऐसा कानून लाया जाना चाहिये, जिसमें साफ लिखा हो कि किसी व्‍यक्ति पर अगर कोई क्रिमिनल केस चल रहा है तो वो चुनाव में खड़ा नहीं हो सकता।

जब तक ऐसा कानून नहीं आयेगा तब तक बाबा रामदेव और केजरीवाल जैसे लोगों के मुंह पर ताले डालना असंभव है। और इसमें भी कोई संदेह नहीं कि कल को बाकी के लोग भी खुलकर ऐसे बयान देने लगें, लिहाजा हमारी राय यही है कि किसी व्‍यक्ति के खिलाफ ऐक्‍शन लेने से बेहतर होगा कि चुनाव आयोग इस सिस्‍टम को बदले।

Comments
English summary
After the hate speech against Baba Ramdev the Parliamentarians have opened fire against him. Here is the political analysis, on the basis of the affidavits given by members of Parliament.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X