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नित्‍यानंद के अश्‍लील वीडियो से उड़ा था आस्‍था का मजाक

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उत्‍तर भारत के प्रसिद्ध निर्मल बाबा का नाम सुर्खियों में आने के बाद ट्विटर पर हर मिनट सैंकड़ों ट्वीट हो रहे हैं। लोगों में देश के बाबाओं के प्रति आस्‍था घटती सी दिखाई दे रही है। देश में कई गुरु, स्‍वामी जी और बाबा ऐसे हैं, जो रोजाना करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। खास बात यह है कि ऐसे तमाम बाबा हैं जो वर्षों से लोगों के जीवन में रहे हैं और आज तक उनके खिलाफ एक भी उंगली नहीं उठी। कई ऐसे भी हैं, जिन्‍होंने अपने गलत कार्यों से भगवा वस्‍त्र का अपमान किया। हम शुरुआत करेंगे कर्नाटक के स्‍वामी नित्‍यानंद से।

परमहंस स्‍वामी नित्‍यानंद का जन्‍म एक जनवरी 1978 में तमिलनाडु में हुआ। बचपन से ही आध्‍यात्‍म में रुचि रखने वाले स्‍वामी नित्‍यानंद ने योग, आध्‍यात्‍म, तंत्र, मंत्र, आदि का ज्ञान हासिल किया। युवा अवस्‍था में आते ही ध्‍यानपीठ की स्‍थापना। नित्‍यानंद के भक्‍तों के अनुसार नित्‍यानंद ने 12 वर्ष की आयु में दिव्‍य शक्ति हासिल कर ली थी। इसके बाद से दुनिया भर के लोग आध्‍यात्‍म के लिए आने लगे। उन्‍हें अमेरिका, यूरोप और भारत में कई पुरस्‍कारों से नवाजा गया।

सब कुछ एकदम सही चल रहा था। स्‍वामी जी के प्रति लोगों की आस्‍था दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी। अचानक मार्च 2010 में नित्‍यानंद के भक्‍तों की भावनाओं को तब ठेस पहुंची जब एक तमिल टीवी चैनल ने नित्‍यानंद का अश्‍लील वीडियो प्रसारित किया। वीडियो में बाबा दो महिलाओं के साथ रासलीला कर रहे थे। उस समय बाबा इंटरनेट के हॉट टॉपिक बन गये।

उनके आश्रमों में तोड़फोड़ हुई। लोगों ने सड़कों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। देखते ही देखते नित्‍यानंद फरार हो गये। 21 अप्रैल 2010 को हिमाचल प्रदेश पुलिस ने बाबा को कुंभ मेले में धर दबोचा और बेंगलूरु पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में नित्‍यानंद ने टीवी चैनल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और आरोप लगाये कि वीडियो फर्जी था। उसमें जो व्‍यक्ति दिखाया गया है, वो नित्‍यानंद नहीं हैं।

इस पर चैनल के सीईओ को गिरफ्तार भी किया गया। आज मामला कोर्ट में है और दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप गढ़ रहे हैं। आरोप यह भी है कि स्‍वामी के आश्रम में ध्‍यान और योग के वक्‍त भी अश्‍लील बातों से महिलाओं को उत्‍तेजित किया जाता था व कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर सेक्‍स कराया जाता था।

इस पूरे मामले में एक बात सामने निकल कर यह आयी कि स्‍वामी नित्‍यानंद चाहे जैसे हों। भले ही वीडियो उनका नहीं हो, लेकिन लोगों की भावनाओं को तो ठेस पहुंच ही गई। लोगों के मन में बाबा के प्रति जो आस्‍था थी वो तो कम हो ही गई।

अब सवाल यह उठता है कि 21वीं सदी में जी रहा आदमी अपने जीवन में आध्‍यात्‍म की तलाश कहां करे? अगर उसे किसी स्‍वामी या बाबा के पास कुछ आशाएं दिखाई देती हैं तो क्‍या वो उनके पास जाये या नहीं? अगर जाये तो किन बातों का खयाल रखे?

क्लिक करें PREVIOUS और मिलें स्‍वामी भीमानंद से | कल एक और बाबा....

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English summary
Indian media has on and off unearthed many cases related to self made Godmans of India. There are several cases against them. Here is the story of Swami Nithyananda.
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