संगमा को राष्ट्रपति बनाने के लिए अगामा मैदान में कूदीं
उधर, एनसीपी की सांसद और राज्यमंत्री अगाथा संगमा ने अपने पिता और लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा का नाम आगे बढ़ाकर एक नया सियासी भूचाल छेड़ दिया है हालांकि एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार पहले ही पीए संगमा की उम्मीदवारी को नकार चुके हैं। पर केंद्रीय मंत्री अगाथा संगमा प्रणब दादा के उम्मीदवारी पर सवाल उठाया है और कहा है कि उनकी वित्त मंत्रालय में जरूरत है और वह एक अहम पद देख रहे हैं। अगाथा अपने पिता के समर्थन में कहती हैं कि वे राष्ट्रपति पद के योग्य प्रत्याशी हैं। साथ ही उनके समर्थन में तर्क देती है कि आज तक कोई भी ईसाई या आदिवासी देश का राष्ट्रपति नहीं बना है। ऐसे में उन्हें मौका मिलना चाहिए।
कांग्रेस की पेशबंदी के बीच भाजपा भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमर कस ली है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी कांग्रेस की ओर से आया कोई ऐसा नाम स्वीकार करने को तैयार नहीं है। वह फिर से पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम को उम्मीदवार बनाना चाहती है। लिहाजा उसे तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार का इंतजार है। पिछले दिनों सपा की ओर से इसकी कवायद शुरू हुई थी और कलाम के नाम पर सरकार की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस भी उनके साथ खड़ी थी। ऐसी स्थिति में भाजपा को उनका समर्थन करने में कोई परहेज नहीं होगा। पूरी मंशा यह है कि 2014 तक भाजपा राजग साथियों से परे भी दूसरे दलों के मन में खुद के लिए स्वीकार्यता बना सके।