बैरक नंबर 13, बंदी नंबर 1607, नाम नूपुर तलवार
गाजियाबाद का चर्चित आरुषि हत्याकांड की आरोपी डॉ. नूपुर तलवार की अंतरिम जमानत निरस्त होने के बाद उन्हें सोमवार को अंततः डासना स्थित जिला जेल भेज दिया गया। पुलिस सोमवार शाम करीब साढ़े पांच बजे डा. नूपुर को जिला जेल लेकर पहुंची। नूपुर ने रोते हुए जेल के भीतर प्रवेश किया। नुपुर के साथ बैरक में 69 महिला बंदी हैं। जेल में नूपुर का जेल चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण किया जिसमें उनकी सामान्य रिपोर्ट आई।
जेल प्रशासन द्वारा उन्हें थाली, मग्गा, कंबल और दरी दी। नुपुर ने रात को सब बंदियों के साथ लाइन में लगकर मसूर की दाल, आलू बैंगन की सब्जी, रोटी और चावल खाईं। इसके बाद वह वापस बैरक में चली गई। जेल सूत्र बताते हैं कि नूपुर बैरक में हनुमान चालीसा का पाठ करती रही। जेल अधीक्षक डा. वीरेश राज ने बताया कि नूपुर की बैरक के बाहर एक हैड बंदी रक्षक और 2 बंदी रक्षकों की तैनाती की गई है।
गौरतलब है कि गाजियाबाद सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को आरुषि-हेमराज हत्याकांड की आरोपी डॉ. नूपुर तलवार की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सीबीआई को झांसा देकर राहत के लिए सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया पर वहां उन्हें राहत नहीं मिली जिसके बाद उन्हें जिला अदालत में हाजिर होना पड़ा। हालांकि उनके वकील ने नियमित जमानत की अर्जी दाखिल की है जिसपर आज सुनवाई हो रही है।
संभव है कि आज उन्हें जमानत मिल भी जाए। हत्याकांड में आरोपी उनके पति राजेश तलवार पहले ही करीब दो महीना जेल में बिता चुके हैं और इस समय जमानत पर बाहर है। डॉ. नूपुर सुबह करीब सवा दस बजे अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सीबीआई की विशेष अदालत पहुंची और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के तहत अपने अधिवक्ता विजयपाल राठी के माध्यम से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।