फिर खंगाले जायेंगे आरुषि हत्याकांड के सबूत
पिछले कई महीनों से सीबीआई के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेल रहीं आरुषि की मां नूपुर तलवार जेल जाने से बचने के लिए किसी भी कानूनी दांव-पेंच में पीछे नहीं रहीं। सीबीआई की टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए बार-बार जाल बिछाती रही, और बार-बार कानूनी पेंच फंसाकर नूपुर जमानत पर छूटती रहीं। कानून की जंजीरों से बंधी सीबीआई भी कुछ नहीं कर पाती।
लेकिन नूपुर को नहीं पता था कि उनके दांव पेंच एक न एक दिन उन्हीं के लिए महंगे साबित होंगे। नूपुर बार-बार कोर्ट में नहीं पेश होकर कोर्ट की अवमानना करती रहीं और यहीं पर सीबीआई को मजबूत आधार मिल गया। आखिरकार सीबीआई ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इसके आधार पर सोमवार को नूपुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यहां भी नूपुर ने अपने अंतिम पासे कोर्ट में फेंके और फिर से जमानत याचिका दाखिल कर दी। जिस पर मंगलवार को कोर्ट ने चर्चा की और फैसला सुरक्षित कर लिया।
कोर्ट अब बुधवार को फैसला सुनायेगी कि नूपुर को जेल होगी या बेल, लेकिन हां सीबीआई इस समय चाह रही है कि फैसला उसके पक्ष में हो, ताकि नूपुर से पूछताछ में फिर से कोई खलल पैदा नहीं हो। यही नहीं राजेश तलवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। ऐसे में पुराने सबूत खंगालना लगभग तय है।