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दो लाख रुपए में पास कराते थे एआईईईई की परीक्षा

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Bribe
लखनऊ। मेडिकल व इंजीनियरिंग परीक्षाओं में नकल रोकने के दावे करने के बाद भी प्रशासन परीक्षाओं ने नकल आदि रोक पाने में असफल साबित हो रहा है।

रविवार को आयाजित अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (एआईईईई) में स्पेशल टास्क फोर्स छह मुन्ना भाई गिरफ्तार किए। सभी को आगरा के चौधरी वीर सिंह पब्लिक स्कूल से गिरफ्तार किया गया सभी कानपुर के रहने वाले थे। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना बृजेश वर्मा दो लाख रुपए लेकर परीक्षा पास कराने का वायदा करता था।

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने अखिल भारतीय इंजीनियङ्क्षरग प्रवेश परीक्षा में जालसाजी कर वास्तविक अभ्यॢथयों के स्थान पर दूसरे लड़कों को बैठाकर परीक्षा पास कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया।

एसटीएफ ने गिरोह के सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ को सूचना मिली कि आगरा में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो प्रतियोगी परीक्षाओं ने दूसरे लड़कों को बिठाने का कार्य करता था। एसटीएफ का यह भी पता चला कि इस गिरोह ने कानपुर से कुछ युवकों को बुलाया है एआईईईई की परीक्षा में वास्तविक अभ्‍यर्थियों के स्थान पर बैठकर प्रश्न पत्र हल करेंगे।

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि पंकज शुक्ला एयरफोर्स स्कूल में, विनय वर्मा राधा बल्लभ पब्लिक स्कूल में, अमर विहार दयाल बाग में, सुरेन्द्र अग्निहोत्री एवं सीएनपीएस पब्लिक स्कूल राम नगर खन्दौली में राहुल एस भदौरिया के नाम से परीक्षा देंगे।

एसटीएफ प्रवक्ता के अनुसार यह भी पता चला कि इन लोगों को इनका सरगना बृजेश वर्मा कानपुर से लेकर आया है। एसटीएफ की चार टीमों का गठन किया गया। गिरफ्तार लोगों में न्यू आगरा, शाहगंज और खंदौली इलाके से बृजेश वर्मा (महाराजगंज) अभिषेक कुमार सिंह (अलीगढ), अपार भटनागर(गाजियाबाद), एचबीआईटी कानपुर का इलेक्ट्रानिक्स का द्वितीय वर्ष का छात्र गजेन्द्र सिंह (मथुरा) एचबीआईटी कानपुर का इलेक्ट्रानिक्स द्वितीय वर्ष का छात्र विक्रान्त पटेल(रामपुर) एचबीटीआई कानपुर का छात्र और बैजनाथ उर्फ बैजू अग्रहरी (संतकबीरनगर) एचबीटीआई कानपुर का छात्र शामिल है।

गिरफ्तार किए गए युवकों के पास से 4 अदद प्रवेश पत्र बरामद किए गये। परीक्षा समाप्ति के उपरान्त चारों लोगों से पूछताछ की गयी तो ज्ञात हुआ कि इनके पास बरामद प्रवेश पत्रों पर फोटो इनके लगे हैं जबकि अन्य विवरण दूसरे व्यक्तियों के हैं। बृजेश वर्मा ने पूछताछ में बताया कि वह पहले आकाश कोचिंग कानपुर में नौकरी करता था।

गत एक वर्ष से वह द्रोणाचार्य चिंग सेन्टर के नाम से अपनी कोचिंग चला रहा है। इसी की आड़ में वह वास्तविक अभ्‍यर्थियों के स्थान पर दूसरे को बैठाकर परीक्षा दिलवाने का काम करता है। अभ्‍यर्थियों से दो लाख रुपये लिये जाते हैं जबकि उनके स्थान पर परीक्षा देने वालों को 70 हजार से एक लाख रुपये तक दिए जाते हैं।

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English summary
Special Task Force of Uttar Pradesh police held 6 people who were involved in AIEEE paper leaking.
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