मौत के सामने उम्मीदों की डुबकियां लगा रहे परिजन
असम के धुबरी जिले में कल ब्रह्मपुत्र नदी में हुए नौका हादसे में लापता लोगों के परिजन नदी के किनारे बारिश के बीच अपने प्रियजनों के जीवित होने की उम्मीद के साथ राहत एवं बचाव कार्य पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। बीती शाम नौका दो हिस्सों में टूट गई थी। मरने वालों की संख्या 200 तक बढ़ने की आशंका है क्योंकि 100 से अधिक लोग लापता है।
नजरुल इस्लाम की आंखों से आंसू छलक रहे हैं और वह कहते हैं, "मेरी बीवी और दो बच्चे नौका में मौजूद थे। अब तक उनके बारे में कोई खबर नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "सरकार सही आंकड़ा नहीं दे रही है। नौका में 500 से अधिक लोग सवार थे।" इस्लाम उन लोगों में हैं, जिनके परिजन इस नौका में सवार थे और उनका कोई पता नहीं है। यह हादसा शाम 4:20 बजे हुआ।
बचावकर्मी अब भी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ), बीएसएफ और सेना की ओर से चलाया जा रहा है। बीएसएफ के एक जवान ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में दो हेलीकॉप्टरों की तैनाती की गई है, लेनिक खराब मौसम इसमें आड़े आ रहा है। उसने कहा, हादसे की वजह नौका पर अधिक लोगों का सवार होना और खराब मौसम है।
मृतकों के परिजनों को 3.5 लाख रुपए मुआवजा
नाव दुर्घटना में मारे गये लोगों को कुल 3.5 रुपए का मुआवजा दिया जायेगा। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपए और असम सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपए। केंद्र की ओर से मंगलवार की दोपहर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुआवजे का ऐलान किया, जबकि असम सरकार ने सुबह ही मुआवजा घोषित कर दिया था। इसके अंतर्गत गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपए दिये जाएंगे।