वाकई सेना के पास नहीं है गोला-बारूद, लड़ाकू विमान और तोप
संसद की स्थायी समिति ने कहा कि 2012-13 की अनुदानों की मांगों पर विचार विमर्श के दौरान यह ज्ञात हुआ है कि हमारी तीनों सेनाओं के पास गोला बारूद, लड़ाकू विमानों, तोपों एवं अन्य युद्ध सामग्री की कमी है। समिति यह समझती है कि खरीद की प्रक्रिया लम्बी होती है और इसमें काफी देरी हो जाती है जिससे समय एवं लागत में वृद्धि होती है।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति को यह बताया गया कि तीनों सेना प्रमुखों के पास 50 करोड़ रूपये तक के वित्तीय अधिकार है और रक्षा मंत्रालय की हाल की बैठक में इसे बढ़ाकर 150 से 200 करोड़ रूपये तक करने पर चर्चा की गई है। समिति ने कहा कि तीनों सेना प्रमुखकों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने के सुझाव पर विचार किया जाना चाहिए और इस संबंध में तत्काल निर्णय लेना चाहिए ताकि हथियारों की कमी को कुछ हद तक पूरा करने में मदद मिल सके।
समिति ने कहा कि सेना के साथ परामर्श करके खरीद कर प्रक्रिया को सरल एवं तीव्र बनाने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में गोला बारूद की कमी का विषय उठाया था। समिति ने सेनाओं के लिए भावी खरीद के वास्ते सुव्यवस्थित डाटा बैंक प्रणाली स्थापित किए जाने की भी वकालत की है।