पशुपालन विभाग भी चाहता है कुत्तों की हो नंसबंदी
हिंसक कुत्तों को मार भी नहीं सकते। इनके खिलाफ तो सरकार की ओर से विशेष कानून बनाया जाएगा तभी कोई हल निकल सकता है अन्यथा मुश्किल है। वन्य प्राणि विभाग के निरीक्षक राजेंद्र डांगी का कहना है कि कुत्ते वन्य प्राणी की श्रेणी में नहीं आते। इसलिए वन्य विभाग इस मामले में कुछ नहीं कर सकता।
पशुपालन विभाग के एक सर्वे के मुताबिक जिले भर में हर उस गांव में 10 या 12 हिंसक कुत्ते ही हैं जिनके आसपास हड्डारोड़ी स्थल बना हुआ है। कुत्तों को मृत पशुओं के मांस खाने की लत पड़ जाती है और वे हिंसक बनते जाते हैं। इसलिए आगे भी ऐसी किसी घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
पीडि़त परिवार को मुआवजा दिए जाने के बारे में ऐलनाबाद के एसडीएम निखिल गजराज का कहना है कि फिलहाल कुत्तों के नोचने से हुई मृत्यु के सिलसिले में मुआवजा दिए जाने का कोई प्रावधान तो नहीं है। फिर भी मृतक के परिजनों की ओर से अगर इस बारे में कोई आवेदन आएगा तो उस पर विचार कर आला अफसरों की नोटिस में लाकर बात की जा सकती है।
हिंसक कुत्तों का सर्वे करें
हिंसक कुत्तों द्वारा दस साल की लड़की को नोचकर मार देने के मामले में प्रशासन कुछ हरकत में आया है। ऐलनाबाद के एसडीएम निखिल गजराज ने खंड के गांवों के संबंधित पटवारियों और सरपंचों को हिंसक कुत्तों का सर्वे कर उनकी संख्या बताने के लिए निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट एक हफ्ते में आ जाएगी और उसके बाद आगामी कदम उठाया जाएगा।
मृतका सीमा के परिजनों को सांत्वना के तौर पर उचित मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इस बीच शुक्रवार को मृतक सीमा के पिता नानक सिंह व अन्य परिजन गांव दमदमा के सरपंच गुरनैब सिंह के नेतृत्व में एसडीएम से मिले और मुआवजे के लिए आवेदन दिया।