अब जोड़ा जाएगा नेताओं का चुनावी खर्च
अधिकारियों का कहना है कि यदि निर्धारित सीमा और खर्च की गयी रकम में अन्तर पाया गया गया तो नेताओं की सदस्यता तक खत्म की जा सकती है।
राज्य
के
मुख्य
निर्वाचन
अधिकारी
उमेश
सिन्हा
के
मुताबिक
चुनाव
के
समय
प्रत्याशियों
द्वारा
दिए
गए
हलफनामों
को
जांच
एजेंसियों
को
सौंप
दिया
गया
है।
समीक्षा
में
गलत
पाये
गये
लोगों
के
संदर्भ
में
यदि
जांच
एजेंसियों
ने
संस्तुति
की
तो
इनकी
सदस्यता
भी
जा
सकती
है।
उन्होंनेकहा कि आयकर विभाग इस बात का अध्ययन कर रहा है कि प्रत्याशियों ने आय का जो विवरण दिया है उस पर बीते वर्षों में आयकर रिर्टन जमा करने की क्या स्थिति रही। स पत्ति सही घोषित की गयी है या नहीं। श्री सिन्हा ने बताया कि प्रत्याशियों के खर्चों के विवरण की जांच हो रही है। ईडी आय के माध्यमों पर निगाह गड़ाये हुए है।
संपत्तियों का गलत विवरण देने के दोषियों से आयकर विभाग जुर्माना वसूलेगा और ईडी कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि यदि दोनो संस्थाएं दोषी पाए गये प्रत्याशियों के विरुद्व कार्रवाई की संस्तुति करती है तो आयोग उनकी सदस्यता निरस्त कर सकता है या फिर आगामी चुनाव लडऩे पर प्रतिबन्ध तक लगा सकता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि परिस्थितियां जिस प्रकार बन रही हैं उसमें अनुशासन उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि चुनाव में गलत विवरण देने वालों को कतई बक्शा नहीं जायेगा और दोषी पाये जाने पर ठोस कार्रवाई की जायेगी।