अपने आकार के कारण हुआ डायनासोर का खात्मा
ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मर्कस क्लॉस ने बताया कि नन्हें डायनासॉर को अन्य वयस्क स्तनधारियों के आकार से लोहा लेना पड़ता था। क्लॉस ने बताया कि वहीं स्तनधारियों के नवजात आकार में बड़े होते थे जिन्हें अन्य बड़े पशुओं से खतरा नहीं होता था। इसका मतलब यह हुआ कि पर्यावरण में मध्यम और बडे़ आकार वाले जानवरों के लिये तो जगह रही पर छोटे डायनासॉर के लिये मुश्किल हो गई।
इस अध्ययन को ब्रिटिश रॉयल सासोइटी के जर्नल बायोलॉजी लेटर्स में प्रकाशित किया गया है। क्लॉस ने बताया कि जलवायु में छोटी प्रजातियों के लिये बहुत स्थान है पर वह बड़े आकार के पशुओं के नवजात अधिक जगह लेते हैं। यही कारण है कि जब किसी भी जीव के नन्हें को स्थान नहीं मिलेगा तो वह प्रजाति आगे नहीं बढ़ सकती। वैज्ञानिकों ने इस बात का खंडन किया है कि कोई तारा धरती से टकाराया था और फिर उसके असर से डायनासॉर गायब हो गये।