अग्नि-5 पर क्या गलत कहा चीनी मीडिया ने
लेख में भारतीयों को हिदायत दी गई है कि चीन व पश्चिमी देशों की ताकत को हलके में मत लें। यह उनकी बड़ी गलती हो सकती है। यह भी कहा गया है कि चीन अब यह बात अच्छी तरह समझ गया है कि भारत हथियारों के मामले में उससे आगे भागना चाहता है। अंत में लेख में चीन और भारत दोनों को भविष्य में दोस्ताना संबंध कायम रखने का सुझाव भी दिया।
क्यों फैलाइ जाती हैं अटैकिंग हेडलाइन्स
चीनी मीडिया में इस प्रकार की खबरों से साफ है कि अग्नि-5 की सफलता पड़ोसी देश को पच नहीं रही है। हालांकि उनकी कुछ हिदायतों को भारतीय मीडिया को भी समझना चाहिये, कि बार-बार यह लिखना कि "भारत चीन पर कहीं भी गिरा सकता है परमाणु बम", "भारत की जद में पूरा चीन व यूरोपीय देश" और "चीन को नेस्तनाबूत कर सकता है भारत" कहीं न कहीं लोगों के बीच गलत संदेश पहुंचा रहा है। क्योंकि हम जानते हैं कि भारत अगर परमाणु हथियार विकसित कर रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि वो किसी को मारना चाहता है, बल्कि इसलिए क्योंकि भारत खुद को सशक्त बनाना चाहता है। भारतीय का संविधान भी सभी देशों से मैत्रीय संबंध बनाये रखने के लिए ही कहता है।
दूसरी बात हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि चीन और यूरोपीय देशों के पास 5000 तो बहुत दूर की बात, उसके पास 8000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइले हैं। और तो और चीन इस समय जो मिसाइल बना रहा है, उसकी क्षमता 10000 किलोमीटर होगी और इतनी लंबी दूरी तय करने में भारत को अभी बहुत समय लगेगा। सच पूछिए तो चीन से हाथ मिलाकर भारत अपनी अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ा सकता है।
आंकड़ों की मानें दे चीन और भारत की कुल जनसंख्या 240 करोड़ है, जो पूरे विश्व की जनसंख्या की एक तिहाई है से ज्यादा है। दोनों देश विश्व के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। अगर दोनों देशों की खरीदने की क्षमता अमेरिका से पांच गुनी ज्यादा है। ऐसे में बार-बार मीडिया द्वारा चीन को उड़ाने की बात करना ठीक नहीं है। यह बात हम भारतीयों को समझनी होगी।