जरदारी की अजमेर यात्रा चरमपंथ के खिलाफ संदेश: अमेरिका
दैनिक ने कहा, रविवार का दौरा एक बड़ा संकेत था, बेशक इससे कुछ हासिल नहीं हुआ हो। लॉस एंजिलिस टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और द न्यूयार्क टाइम्स ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जरदारी की ओर से पाकिस्तान की यात्रा के लिए दिए गए निमंत्रण का विशेष उल्लेख किया है। न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है, अब सवाल यह है कि सिंह कितनी जल्द पाकिस्तान जा पाएंगे, जो ऐसी यात्रा होगी जिसे बहुत से विश्लेषक किसी बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के लिए मददगार मानते हैं।
अखबार ने लिखा है, करीब आठ साल पहले पद संभालने के समय से ही वह (मनमोहन सिंह) पाकिस्तान जाने की अक्सर इच्छा व्यक्त करते रहे हैं, लेकिन देश के राजनीतिक कारणों और देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की वजह से वह अब तक पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर पाए हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि यदि कुछ भी हासिल नहीं हुआ हो तब भी राजस्थान के अजमेर में सूफी संत की दरगाह पर उनकी (जरदारी) जियारत से इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ एक संदेश जाता है।
अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान में आत्मघाती बम हमलावर अपने इस आतंकी विचार के प्रसार के लिए बार-बार सूफी संतों की दरगाहों पर श्रद्धालुओं को निशाना बनाते रहे हैं कि ये स्थल (दरगाह) इस्लामी सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं । सूफीवाद के लिए काम करने वाले भारतीय कार्यकर्ता सलीम महाजन के हवाले से कहा गया, जब हर जगह कट्टरपंथियों के हावी होने की आशंकाएं हैं तो ऐसे समय इस तीर्थस्थल पर आना पाकिस्तानी राष्ट्रपति का एक साहसिक कदम है। उन्होंने कहा, वह इस्लाम की सहिष्णुता और भाईचारे की भावना के बारे में अच्छा संकेत भेज रहे हैं।