दामाद को मंत्री नहीं बनाए जाने से शाही इमाम मुलायम से नाराज
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के बीच रिश्तों में तल्खी आने लगी है। शाही इमाम ने मुलायम को एक कड़ा पत्र लिख कर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है। सपा ने यूपी विधान परिषद के लिए नामो की घोषणा की थी, जिसमें शाही इमाम के दामाद उमर अली खां का भी नाम शामिल था। बुखारी ने उमर अली खां को मिले टिकट को यह कह कर वापस कर दिया कि सत्ता में भागीदारी के सवाल पर सपा का रवैया भी अन्य दलों की तरह है।
देश में 60 वर्षों से मुसलमानों के साथ हो रही नाइंसाफी हो खत्म करने के लिए उन्होंने सपा का समर्थन किया था। सपा ने 20 प्रतिशत जनसंख्या वाले मुसलिम को केवल एक सीट और 7 प्रतिशत वाले यादव समुदाय से दो लोगों के नाम विधान परिषद के लिए नामित किए हैं। उन्होंने मुलायम से पूछा के सत्ता में भागीदारी का यह कौन सा तरीका है?
शाही इमाम ने हाल ही में राज्यसभा टिकटों के वितरण पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के लिए मध्य प्रदेश के एक ऐसे गुमनाम मुसलमान को नामित किया है, जिसे कोई नहीं जानता है। उनका इशारा आजम खान के एक करीबी नेता की ओर था। जिसे सपा ने टिकट दिया है। कहा कि हैरानी की बात यह है कि सपा को इतने बड़े उत्तर प्रदेश में कोई मुसलमान इस लायक नहीं लगा जिसे राज्यसभा के लिए भेजा जा सकता था।
उन्होंने राज्यसभा के लिए दर्शन सिंह यादव का नाम आने पर भी ऐतराज किया है। शाही इमाम के इस कदम के बाद सपा और मुसलिम संगठनों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई है। सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम के बाद मुलायम ने शाही इमाम से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन शाही इमाम लाइन पर नहीं आए।
सूत्रों के मुताबिक शाही इमाम चाहते थे कि या तो उनके दामाद को मंत्री बनाया जाए या राज्यसभा में भेजा जाए। लेकिन मुलायम विधानपरिषद में भेजना चाहते थे। जबकि शाही इमाम के कट्टर विरोधी आजम खान के एक करीबी को मध्यप्रदेश से टिकट दे दिया गया है।