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हड़ताल खत्‍म, क्‍या भरती रहेंगी काले धन से सर्राफा की तिजोरियां?

By Ajay Mohan
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Gold Jewellery
अजय मोहन

बिना ब्रांड के आभूषणों पर उत्‍पाद शुल्‍क लगाने और सोने के आयात पर सीमा शुल्‍क बढ़ाये जाने के खिलाफ सर्राफा व्‍यापारियों ने रिक्‍शा चलाया, सब्‍जी बेची और न जाने क्‍या-क्‍या किया। सोनिया गांधी और प्रणब मुखर्जी से मुलाकात के बाद उनकी हड़ताल स्‍थगित हो गई। खैर आगे क्‍या होगा यह तो समय बतायेगा, लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा है कि लग्‍जरी कार में चलने वाले, बंगले-कोठी में रहने वाले इन सर्राफा व्‍याप‍ारियों पर ऐसी कौन सी मुसीबत आन पड़ी थी कि इन लोगों ने रिक्‍शे चलाये व सब्‍जी बेची?

बात शुरू करते हैं पेट्रोल डीजल से। क्‍या कभी आपने सुना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ने या सबसिडी घटाने या बढ़ाने से पेट्रोल पंप के मालिकों ने प्रदर्शन किया? क्‍या कभी आपने सुना है कि फ्रिज टीवी पर एक्‍साइज़ ड्यूटी बढ़ाने से डीलरों ने सड़क जाम कर दी? या फिर क्‍या दूध-सब्‍जी के दाम बढ़ने के बाद क्‍या कभी किसी व्‍यापारी ने विरोध प्रदर्शन किया है? नहीं, कभी नहीं। तो ये सर्राफा व्‍यापारी क्‍यों बवाल काट रहे हैं? वो चाहें तो बढ़ी हुई कस्‍टम ड्यूटी अपने ग्राहकों से वसूल सकते हैं, लेकिन वो ऐसा क्‍यों नहीं करना चाहते?

इसका मतलब यह मत सोचियेगा कि सर्राफा व्‍यापारियों को अपने ग्राहकों की चिंता है, सच तो यह है कि सरकार के इस नये नियम से सर्राफा व्‍यापारी काला धन नहीं जोड़ पायेंगे। जी हां, नये नियम के मुताबिक दो लाख से ऊपर सोने के आभूषणों की खरीद पर पैन नंबर शो करना होगा और वो एक्‍साइज के दायरे में आयेगा। सच पूछिए तो वित्‍तमंत्री प्रणब मुखर्जी का यह कदम देश के अंदर सर्राफा व्‍यापारियों की तिजोरियों में जमा होने वाले काले धन को रोक सकता है। यही कारण है कि आम सर्राफा व्‍यापारी जो टैक्‍स चोरी करने के लिए रोज़ाना तीन-पांच करता है, इस नये नियम का विरोध कर रहा है।

सोनिया-प्रणब से मुलाकात

सोनिया और प्रणब दा से मुलाकात के बाद हड़ताल भले ही स्‍थगित हो गई है, लेकिन अभी नया नियम वापस नहीं लिया गया है। इस पर सरकार ने सोचने के लिए कुछ वक्‍त मांगा है। सही मायने में देखा जाये तो सरकार इस मामले में सख्‍ती बरतते हुए अगर यह नियम लागू कर दे, तो देश को अरबों रुपए का फायदा हो। क्‍योंकि हर साल यहां कई टन सोना आयात किया जाता है। सोने के आभूषणों के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भी भारत ही है।

जरा सोचिये अगर प्रत्‍येक दो लाख के सोने पर पैन नंबर देना अनिवार्य होगा, तो व्‍यापारियों किसी भी हाल में उस पर लगने वाला टैक्‍स नहीं बचा पायेंगे। उस स्थिति में सर्राफा व्‍यापारियों को हर साल भारी भरकम टैक्‍स देना पड़ेगा और यह वो देना नहीं चाहते, यही कारण है कि अपना टैक्‍स बचाने के लिए उन्‍हें रिक्‍श चलाना तो क्‍या बूट पॉलिश भी करनी पड़े तो वो करेंगे।

हम अंत में यह जरूर कहना चाहेंगे कि चोरी किया हुआ टैक्‍स भी काला धन ही है। तो सोचिये क्‍या आप इन व्‍यापारियों के काला धन इकठ्ठा करने के समर्थन में हैं।

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English summary
Jewellers have called off their strike after meeting with Sonia and Pranab. But the reality is that traders drove rickshaw just to save their black money.
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