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देश के नेता घूमने-फिरने पर खर्च कर देते हैं 500 करोड़

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प्रदीप शुक्‍ल स्‍वतंत्र
क्‍या आप कभी भूखे पेट सोये हैं। शायद एक न एक दिन जरूर। शायद तब आपको भूखे पेट सोने वालों के दर्द का अहसास हुआ होगा, लेकिन क्‍या आपको पता है हमारे देश में रोजाना करीब 2 करोड़ लोग भूखे सोते हैं। आप सोच रहे होंगे कि हमारे नेता इस बारे में सुध क्‍यों नहीं लेते? जवाब साफ है, वो नेता जो 500 करोड़ रुपए अपने सैर सपाटे पर खर्च कर देते हैं, उन्‍हें इन गरीबों के दर्द का क्‍या अहसास होगा।

इस समय यह मुद्दा उठाना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि संसद में फूड सिक्‍योरिटी बिल चर्चा का विषय बना हुआ है। बिल पास होगा या नहीं, नेताओं के घूमने फिरने का खर्चा जरूर निकल आयेगा। संसद से बाहर निकल कर अगर देश की सकरी गलियों, झुग्गियों और झोपडि़यों पर नज़र डालें तो करीब 50 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।

अगर आकड़ो पर नजर डाले तो 31 मार्च 2012 को समाप्‍त होने वाले वित्‍तीय वर्ष में मंत्रियों के सैर सपाटे में 500 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं। यानि हर मंत्री औसतन साल में 6 करोड़ रूपया सिर्फ घूमने-फिरने पर खर्च कर रहा है। यह आंकड़ा विदेशी यात्राओं के लिए निर्धारित राशि का दस गुना है। एक तरफ आम आदमी महंगाई के बोझ तले दबकर किसी तरह अपनी जिंदगी की गाड़ी बमुश्किल खींच रहा है, वहीं दूसरी तरफ अपने आपको जनता का सेवक बताने वाले हमारे मंत्री जनता के पैसे को उड़ाने पर तुले हैं।

बात यहां सिर्फ विदेशी दौरे तक ही सीमित नहीं है। मंत्रियों के दूसरे खर्चे भी इसी रफ्तार से बढ़ रहे हैं। इनकी आवभगत पर होने वाले खर्चे हों, इनके बंगले गाडि़यो पर होने वाले खर्चे हों या पांच सितारा होटलों में होने वाली बैठकें हों, बेहिसाब धन बहाया जाता है। मानों ये मंत्री बनते ही शान शौकत दिखाने के लिए। सरकार किसी भी पार्टी की क्‍यों न हो, ये बंगला गाड़ी और विदेशी यात्राओं पर ध्‍यान देना ही अपना कर्तव्‍य समझते हैं। यहां के नेता गरीब जनता का पैसा बर्बाद करना अपना हक समझते हैं।

एक तरफ सत्‍ता में बैठे नेताओं का ब‍ढ़ता भ्रष्‍टाचार है, तो दूसरी तरफ, हंगामे में डूबती हमारी संसद व विधान सभाएं। चुनाव से पहले जनता के दुख-दर्द दूर करने के वादे करने वाले हमारे मंत्री, सांसद और विधायक कुर्सी पर पहुंचते ही सब कुछ भूलाकर धन उगाही में जुट जाते हैं। उन्‍हे चिंता रह जाती है तो सिर्फ अपने और अपने परिवार के उत्‍थान की। फिर उनके लिए सिर्फ वही सब कुछ होते हैं, पब्लिक नहीं, जो उन्‍हें यहां तक पहुंचाती है।

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English summary
Do you know the MP's of our countries spends around Rs. 500 crores just on their traveling trips. Can you imagine this is the budget of that country where around 50 crore people sleeps without having food.
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