केंद्र ने डाला मजदूरों पर डोरा, मजदूरी बढ़ी
सूत्रों ने बताया कि इस बढोतरी के बाद हर राज्यों में अब मजदूरी अलग-अलग होगी। बताया जा रहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की मजदूरी दर की विसंगति को दूर करने के लिए सरकार संसद के चालू बजट सत्र में संशोधन विधेयक लाएगी। मजदूरी की दर को संशोधित करने के लिए उसे खेतिहर मजदूरों की मजदूरी से जोड़ दिया गया। सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक फायदा जहां कर्नाटक के मजदूरों को होगा तो सबसे कम उड़ीसा और झारखंड के मजदूरों को। उत्तर प्रदेश में मनरेगा के मजदूरों को फिलहाल 120 रुपये की दिहाड़ी मिलती है, आगामी वित्त वर्ष से यह बढ़कर 125 रुपये हो जाएगी। इसी तरह बिहार की मजदूरी में मजदूरी की दर 120 से बढ़कर 122 रुपये रोजाना हो जाएगी तो हरियाणा की 179 से बढ़कर 191 रुपये। मध्य प्रदेश में दिहाड़ी में 10 रुपये की वृद्धि की गई है तो उड़ीसा में सिर्फ एक रुपये। राजस्थान में 119 रुपये की मजदूरी बढ़कर 132 रुपये, पंजाब की 153 से 166 रुपये रोजाना कर दी गई है। झारखंड जैसे गरीब राज्य में मनरेगा की दिहाड़ी 120 से 122 रुपये और कर्नाटक जैसे राज्य मेंमजदूरी की दर 125 रुपये से बढ़कर 155 रुपये कर दी गई है। उत्तराखंड में दैनिक मजदूरी पांच रुपये की वृद्धि के साथ 125 रुपये हो गई है। रमेश ने बताया कि मनरेगा की मजदूरी दर में इस वृद्धि से सरकार पर कुल 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा।