वेश्याओं के गांव से उठी आठ लड़कियों की डोली
सरानिया समुदाय की महिलाओं के लिए वेश्यावृत्ति कई पीढि़यों से नियम जैसा बन गया है। विचारता समुदाय समर्थन मंच नामक एनजीओ के समन्वयक मित्तल पटेल ने बताया कि आठ लड़कियों ने पारंपरिक गुजराती समारोह में विवाह किया जबकि 12 की सगाई हो गई। इन सभी की भी अगले एक-दो वर्ष में शादी हो जाएगी।
गुजरात देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है क्योंकि वहा जो कुछ भी हो रहा है वो अब तक किसी भी राज्य में नहीं हुआ है। जैसा कि कहा जाता है कि भारत एक स्वतंत्र देश है, यहां पर हर किसी को अपने जीने का अधिकार है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य के एक गैर सरकारी संगठन ‘विचारत समुदाय समर्थन मंच’ (वीएसएसएम) एक अनोखे लेकिन समाज के लिए सबक वाला काम करने जा रहा है।
दरअसल है गुजरात का एक बदनाम गांव है वाडिया, जहां सरानिया नामक समुदाय के लोग रहते है, जो कि जरूरत से ज्यादा गरीब हैं। इसलिए इस गांव की महिलाएं मजबूरन वैश्यावृत्ति करती हैं जिसे सरनिया सुमदाय इसे परंपरा बना चुका था। इसलिए यह पूरा गांव बदनाम गांव के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब यह कलंक इस गांव से हटने जा रहा है।
क्योंकि लड़कियों का सामूहिक विवाह गैर सरकारी संगठन ‘विचारत समुदाय समर्थन मंच’ (वीएसएसएम) के कठिन प्रयास के बदौलत आठ लड़कियों का विवाह कराया गया और अब गांव की सारी बदनाम लड़कियों का सामूहिक विवाह होगा।