आईआईएम के पूर्व प्रोफेसर संग सपा ने बनायी थी चुनावी रणनीति
उत्तर प्रदेश में चुनाव की मतगणना से ठीक पहले तक अखिलेश यादव को खुद भी विश्वास नहीं था कि उनकी सरकार पूर्ण बहुमत से आगे आयेगी। उन्हें बस इतना विश्वास था कि उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और यह विश्वास पैदा करने में आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा का। लिहाजा इस बात में कोई गुंजाइश नहीं है, कि सपा की जीत में आईआईएम में सिखाये जाने वाले गुर काम आये हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि यूपी की जनता ने जेल से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को छोड़ कर आईआईएम के पूर्व प्रोफेसर को चुना। अगर सपा की चुनावी रणनीति पर नजर डालें तो अभिषेक मिश्रा का इसमें काफी अहम रोल रहा है। इस रोल पर हम एक-एक कर बात करते हैं- सबसे पहले हम आपको बता दें कि अभिषेक मिश्रा ने दो साल पहले राजनीति में आने की इच्छा ही जताई थी कि अखिलेश ने उनका मनोबल ऊंचा करना शुरू कर दिया। शुरू में उन्होंने अभिषेक को अपनी पार्टी से जोड़ा और फिर चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। सपा के एक पदाधिकारी के मुताबिक चुनाव के ठीक पहले तक अभिषेक चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हें यह कहकर तैयार किया कि यूपी को उनकी जरूरत है।
दूसरी खास बात यह है कि अभिषेक मिश्रा और उनकी कॉर्पोरेट टीम ही है, जिसने सपा के मन से अंग्रेजी और कंप्यूटर की खिलाफत को दूर किया। एक समय था जब मुलायम सिंह यादव से लेकर अन्य नेताओं तक सभी अंग्रेजी के खिलाफ थे, एक महीने पहले उसी सपा ने लैपटॉप और टैबलेट देने का वादा कर डाला। यह वादा सपा ने हवा में नहीं किया है, यह अभिषेक और अखिलेश द्वारा बनाई गई चुनावी रणनीति का एक भाग है, जिसे पार्टी पूरा करने के हर संभव प्रयास करेगी। तीसरी अहम बात यह कि प्रचार प्रसार के लिए अखिलेश यादव ने वही तरीके अपनाये, जो अभिषेक ने उन्हें सुझाये। उन्होंने कुछ भी अलग जाकर नहीं किया।
गौरतलब है कि अभिषेक मिश्रा आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व शिक्षक हैं और उन्होंने लखनऊ पूर्व की सीट पर 4000 वोटों से जीत दर्ज की है। हाल ही में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ कर सपा ज्वाइन की थी। वो आईआईएम में बिजनेस पॉलिसी पढ़ाते थे। वो पूर्व आईएएस जेएस मिश्र के पुत्र हैं।
अभिषेक से पहले आईआईएम अहमदाबाद के 2005 बैच के सारथ बाबू ने निदर्लीय प्रत्याशी के रूप में दक्षिण चेन्नई से 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। उसके बाद 2011 में उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन दोनों बार हार गये। उनके अलावा 1978 बैच के आईआईएम ग्रेजुएट पीडी राय सिक्किम की एक सीट से सांसद हैं।
सपा के वरिष्ठ नेता राजपाल कश्यप से हमने इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि कई जगह वोट मांगते वक्त अखिलेश यादव ने लोगों से कहा था, "अब तक आप हमारी पार्टी को अच्छी नहीं समझते थे, चलिये हब तो हमारे साथ आईआईएम के पूर्व शिक्षक भी हैं, हमें न सही उन्हें ही वोट दीजिये।"