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फेसबुक को हथियार बनाकर अखिलेश ने ऐसे जीती जंग

By Ajay Mohan
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अजय मोहन

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने एक कागज़ फाड़ा और गरजते हुए समाजवादी पार्टी के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। वहीं मायावती के करीबी नेता स्‍वामी प्रसाद नेता ने कहा कि पंचर साइकिल पर यूपी वाले सवार मत हों... वहीं सपा के प्रदेश अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी ही विनम्रता के साथ कहा, "कागज़ फाड़ कर गुस्‍सा जताने से जनता का विश्‍वास हासिल नहीं किया जाता.... रही बात साइकिल की तो वो अगर पंचर हुई तो पंचर जुड़ जायेगा, कैरियर टूटा तो नया लग जायेगा, हेंडल टूटा तो वो भी नया लगवा लेंगे, लेकिन अगर हाथी पागल हो गया तो क्‍या होगा...."

अखिलेश ने इस पूरे चुनाव में कहीं भी कोई भी आक्रामक बयान नहीं दिया। क्‍योंकि उन्‍हें पता था कि बयानबाजी से युवाओं का दिल नहीं जीता जा सकता। युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए अखिलेश ने सबसे सशक्‍त हथियार को अपनाया और उन्‍हें सफलता मिली। वो हथियार है- फेसबुक। जी हां और इसमें अखिलेश का साथ उनकी पार्टी के हर बड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने दिया। खास तौर से समाजवादी युवजन सभा और छात्रसभा के पदाधिकारियों ने।

जी हां अगर पिछले तीन महीनों की फेसबुक गतिविधियों पर नजर डालें तो सपा नेताओं ने फेसबुक पर हर तरह से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया। सबसे पहले अगर अखिलेश यादव की बात करें तो उन्‍होंने पिछले तीन वर्षों में अपने फेसबुक फ्रेंड लिस्‍ट में 5000 लोगों को जोड़ा। खास बात यह है कि अखिलेश यादव अपने फ्रेंड्स से टू-वे कम्‍युनिकेशन रखते हैं।

इस पर दिल्‍ली में कार्यरत लखनऊ के रणंजय सिंह कहते हैं, "अखिलेश और राहुल में एक बड़ा अंतर है। राहुल सिर्फ फॉलोवर्स बनाने पर विश्‍वास करते हैं, अखिलेश अपने फॉलोवर्स से संपर्क बनाने पर। राहुल गांधी के भले ही 164,805 फॉलोवर्स हैं, लेकिन क्‍या वो कभी किसी को फॉलो करते हैं, शायद कभी नहीं, लेकिन अखिलेश ने हमेशा अपने फ्रेंड्स को फॉलो किया है। मैंने कई बार देखा है कि अगर कोई व्‍यक्ति उनकी वॉल पर कुछ पोस्‍ट करता है तो वो रिप्‍लाई जरूर करते हैं।"

मुंबई और फ्रांस तक से किया सपा का प्रचार

अखिलेश की फेसबुक स्‍ट्रैटेजी में सिर्फ लखनऊ, कानपुर ही नहीं बल्कि यूपी के बाहर व विदेश से भी लोगों ने सपा के समर्थन में माहौल तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसमें हम बात करेंगे अजित प्रताप सिंह, फ्रांस में रहकर ऐक्टिव रहा c की जिन्‍होंने फ्रांस में बैठकर फेसबुक पर सपा का प्रचार किया। वहीं राज कुमार यादव ने मुंबई में रहकर पार्टी से लोगों को जोड़ने के प्रयास किये।

प्रत्‍याशियों के चार-चार फेसबुक प्रोफाइल

वहीं कई प्रत्‍याशियों ने तो अपने चार-चार फेसबुक प्रोफाइल बनाये और लोगों से जुड़ने में सफलता प्राप्‍त की। इनमें सबसे ऊपर नाम आता है कानपुर के सीसामऊ से जीत दर्ज करने वाले हाजी इरफान सोलंकी का नाम सबसे ऊपर आता है। वहीं लखनऊ मध्‍य से जीतने वाले रविदास मेहरोत्रा ने भी फेसबुक पर जमकर प्रचार किया। इसी तरह सफलता पाने वालों में अयोध्‍या से चुनाव जीतने वाले लखनऊ विश्‍वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ उपाध्‍यक्ष तेज नारायण पांडेय ने विश्‍वविद्यालय के छात्रों का दिल जीता और वोट भी। लखनऊ पूर्व से प्रत्‍याशी जूही सिंह ने भी अच्‍छा प्रचार किया, हालांकि वो चुनाव नहीं जीत सकीं।

इनके अलावा अगर सपा के पदाधिकारियों की बात करें तो लखनऊ में छात्रसभा के नगर अध्‍यक्ष फखरुल हसन उर्फ चांद मियां, राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष युवजन सभा के संजय लाठर, अधिवक्‍ता सभा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष गौरव भाटिया व युवजन सभा के राष्‍ट्रीय सचिव राम सिंह राणा प्रमुख हैं। वहीं छात्र नेताओं में मोहम्‍मद यामीन खान, छात्र नेता दानिश सिद्दीकी, राजन नायक, इलाहाबाद विश्‍ववि़द्यालय के छात्रनेता जावेद आब्‍दी और सक्रिय कार्यकर्ता राजा चतुर्वेदी समेत सैंकड़ों नेता व छात्रनेता सपा की फेसबुक पर जंग के मजबूत सिपाही बने।

Comments
English summary
Samajwadi Party's youth icon Akhilesh Yadav has won the war in Uttar Pradesh on the basis of youth's vote-bank. And that vote-bank got strengthened because of good social networking strategy on Facebook.
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