सरकार को बनिया कहने वाले अन्ना से नाराज बनियें
अखिल भारतीय अग्रवाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि अन्ना हजारे ने जो ब्यान दिया उसमें कहा गया है कि जनलोकपाल बिल पर वित मंत्री प्रणव मुखर्जी कुछ बोलते हैं, कांग्रेस प्रवक्ता मनु सिंघवी कुछ बोलते हैं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कुछ बोलते हैं, यह सरकार है या बनिये की दुकान.... अन्ना हजारे द्वारा दिये इस ब्यान में बनिये की दुकान कहने का क्या अभिप्राय है?
अन्ना हजारे इस व्यक्तव्य में एक जातिसूचक शब्द जोड़कर क्या स्पष्ट करना चाहते है? गोयल का कहना है कि अन्ना हजारे ने जो यह ब्यान दिया है वह एक जाति विशेष शब्द पर सीधा कटाक्ष है। उनके इस ब्यान से पूरे देश के अग्रवाल समाज के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस ब्यान से पूरे अग्रवाल समाज में गहरा रोष है।
एक तरफ तो अन्ना हजारे जाति-पाति से उपर उठकर देश हित में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए जंग लड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस प्रकार का ओच्छा ब्यान देकर एक जाति विशेष वर्ग की भावना को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं जो बिल्कुल गलत है। अन्ना हजारे को तुरंत प्रभाव से अपना यह ब्यान वापिस लेना चाहिए। गोयल का यह भी कहना है कि अन्ना हजारे देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए जो मुहिम चलाए हुए है उसका अग्रवाल समाज ही नहीं पूरा देश सम्मान करता है।
ऐसे में अन्ना हजारे को भी चाहिए कि वे किसी भी प्रकार का ब्यान देेने से पहले किसी जाति विशेष पर कटाक्ष न करे, ऐसा ध्यान रखें। उधर अग्रवाल समाज के युवा नेता रामधन जैन, दिवान शेर, सावर गर्ग, नरेश अग्रवाल इत्यादि नेताओं ने भी अन्ना हजारे द्वारा दिए गए इस व्यक्तव्य पर कड़ा रोष जताया है। इन सभी प्रतिनिधियों ने अन्ना हजारे से ये शब्द तुरंत वापिस लेने की मांग की है। वापिस ने लेने पर कोर्ट में जाने की बात कही है।