पिज्जा, बर्गर और कोल्ड ड्रिंक होगी महंगी
एक सर्वे ने खुलासा किया है कि खाद्य एवं पेय उत्पाद बनाने वाली 41 प्रतिशत कंपनियां अगले एक साल के अंदर अपने सामान के दामों में बढ़ोतरी करने वाली हैं। वैश्विक परामर्शक कंपनी ग्रांट थार्नटन की रपट में कहा कि भारत में 41 फीसद खाद्य एवं पेय कंपनियां अपने उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी कर सकती हैं।
पिछले साल के अगस्त से सितंबर के दौरान किए गए सालाना सर्वेक्षण में सिर्फ 12 फीसद बढ़ोतरी की उम्मीद जाहिर की गई थी। खाद्य एवं पेय कंपनियों के कीमत बढ़ाने से भारतीय उपभोक्ताओं पर और दबाव बढ़ेगा क्योंकि अपर्याप्त लाजिस्टिक व भंडारण से जुडे़ बुनियादी ढांचे की कमी और आयात पर निर्भरता के कारण जिंसों की कीमत पहले से ही अधिक है। खाद्य मुद्रास्फीति पिछले दिसंबर से नौ फीसद के उपर बनी हुई है।
इस रिपोर्ट के बारे में ग्रांट थार्नटन इंडिया के निदेशक (ग्राहक सेवा) पियूष पटोदिया ने कहा कि भारत में कारोबारी माहौल अच्छा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संपन्नता की दिशा में आगे बढ़ रही किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था में खाद्य एवं पेय की कीमत सबसे पहले बढ़ती है। पटोदिया ने कहा भारतीय उपभोक्ता न सिर्फ उपभोग बढा रहे है बल्कि बेहतरीन चीजों की मांग कर रहे हैं। इससे विदेशी खाद्य एवं पेय कंपनियों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।