माया की मांग, दलितों के जूठे पत्तलों पर लोटने की प्रथा पर लगे रोक
मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में जारी इस शर्मनाक प्रथा को भारतीय संविधान के समानता के अधिकारों के विपरीत बताते हुए कहा कि इलाज के बहाने जातिवादी मानसिकता में जकड़े हुए तत्व अनुसूचित जाति के लोगों की गरिमा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा निदंनीय यह है कि मानवाधिकार आयोग और राष्टीय अनुसूचित जाति आयोग सहित देश के किसी भी आयोग या वर्ग ने अभी तक इस प्रथा के खिलाफ कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हिन्दी चैनल में पिछले वर्ष जब इस प्रथा से सम्बन्धित खबर आई थी तो उन्होंने ही देश में सबसे पहले इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी
लेकिन खेद का विषय है कि कर्नाटक सरकार के कान पर जूं नही रेंगी और कल दक्षिण कन्नड़ जिले में बैंगलूर से लगभग 115 किलोमीटर दूर एक मन्दिर में इस प्रथा की पुनरावृत्ति हुई। उन्होंने कहा पिछले वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी इस प्रथा के खिलाफ किसी ने आवाज नहीं उठायी।