बेटियों को बचाना है तो समाज की मानसिकता में लाना होगा बदलाव: शिवराज
चौहान ने इसे आने वाले समय के लिये एक बहुत बडा खतरा बताते हुए कहा कि यदि इसी प्रकार चलता रहा तो वर्ष 2050 में 2.80 करोड़ युवक शादी से वंचित रह जायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ही अनेक जिले ऐसे हैं, जहां लडकियों का अनुपात प्रति हजार 850 ही रह गया है। चौहान ने कहा कि बेटी बचाने के लिये जनजागरण अभियान की आवश्यकता है। वहीं, इसके लिये प्रोत्साहन दिये जाने के साथ साथ ऐसा करने का दोषी पाये जाने के बाद कडे़ दंड का प्रावधान भी आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि अभी कानून के तहत ऐसा किये जाने पर अनेक प्रावधान है, लेकिन उनको और कड़ा किये जाने की आवश्यकता है। चौहान ने कहा कि यदि समाज के सामने सही तस्वीर पेश की जाये और समाज के सभी लोगों को इसके साथ जोडा जाये तो ही स्थिति में सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि समाज में बेटियां ही नहीं होंगी तो सृष्टि का संतुलन बिगड़ जायेगा। महिलाओं के प्रति अत्याचार के मामले में प्रदेश के स्थान के बारे में मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि इस संबंध में प्रदेश में स्थिति संतोषजनक नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह आंकडा इसलिये भी अधिक है, क्योंकि अनेक राज्यों में इस प्रकार के मामलों में अपराध ही पंजीबद्ध नहीं किये जाते हैं। इस अभियान को राजनीति से अलग रखने की अपील करते हुए मुख्यमंत्राी ने कहा कि इस मामले में सभी धर्म के लोगों को जोडा जायेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आने वाले खतरों को जब सामने लाया जायेगा तो समाज में जागृति पैदा होगी और लोगों की मानसिकता में बदलाव आयेगा।