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यूपीए मंत्रियों में होड़ ' कौन बनेगा करोड़पति'?

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UPA Minister vying for 'Kaun Banega Corepati'?
दिल्‍ली। आपने टेलीविजन पर अमिताभ बच्‍चन का चर्चित टेलीविजन शो कौन बनेगा करोड़पति देखा होगा। जो लोगों को करोड़पति बनने का मंच देता है। ऐसा ही मंच हमो नेताओं को मिल गया है। उस मंच का नाम है 'यूपीए'। जिस समय देश में तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, कर्ज महंगा हो रहा है और भ्रष्‍टाचार ने देश को खोखला कर दिया है उस समय देश के नेता करोड़ों के वारे-न्‍यारे करने में जुटे हुए हैं। यूपीए के शासन में मंत्रियों ने यूपीए-2 में अपनी औसत दौलत 3 गुनी कर ली है। यूपीए मंत्रिमंडल के 77% मंत्री करोड़पति हैं।

हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने सभी मंत्रियों ने अपनी जायदात को सार्वजनिक करने के लिए कहा था। इसके बाद मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्‍यौरा दिया था। इस ब्‍यौरे में हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सबसे गरीब और प्रफुल पटेल सबसे अमीर मंत्री बने। मंत्रियों की संपत्ति पर जो पिछली रिपोर्ट आई थी उसमें मं‍त्रियों की ओसत संपत्ति 3 करोड़ थी जो 2 साल के भीतर ही बढ़कर 10.3 करोड़ हो गए हैं। यानि पिछले 2 सालों में जनता महंगाई और भ्रष्‍टाचार की वजह से भले कंगाल हो गई हो लेकिन ये मंत्री मालामाल हो गए हैं।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में करोड़पतियों की पायदान में पहले नंबर पर काबिज प्रफुल पटेल के पास 122 करोड़ की संपत्ति है। 2 साल पहले 2009 में इनके पास 80 करोड़ की संपत्ति थी। दूसरे नंबर पर है सूचना एवं प्रसारण राज्‍यमंत्री एस जगाथरक्षन का आता है जिनके पास 70 करोड़ की संपत्ति है। इनके पास 2009 में केवल 5.9 करोड़ की संपत्ति थी। इसके बाद शहरी विकास मंत्री कमल नाथ का नंबर आता है जिनके पास 41 करोड़ की संपत्ति है। 2 साल पहले इनके पास 14 करोड़ की संपत्ति थी।

मनमोहन की केबिनेट में 15 ऐसे मंत्री हैं जिनकी संपत्ति में 2009 के मुकाबले कमी आई है। इनमें पी चिदंबरम, एस जयपाल रेड्डी, फारुख अबदुल्‍ला, जयराम रमेश, एसएम कृष्‍णा, जीके वासन, अगाथा सगमा, प्रतीक पी पाटिल, वीरभद्र सिंह, आरपीएन सिंह, डी नेपोलियन, विसेंट पाल, जितिन प्रसाद, वीरप्‍पा मोइली और पुनीत कौर के नाम शामिल हैं। इसमें सबसे खास है कि जहां मनमोहन की मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री करोड़ों की कार से चलते हैं वहीं मनमोहन सिंह खुद मारूती 800 कार से चलते हैं।

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English summary
UPA government in the Center going through the worst possible times, with many in the ministry's top brass riddled with scams and controversies, this was one label that the Manmohan Singh led government did not want. It has emerged that 77% of Ministers in the PM's cabinet are crorepatis.
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