दिल्ली: प्लॉट के नाम पर 9.50 लाख ठगे
पीड़ित नीतू कौर और रंजीत सिंह 2 बी/619, वसुंधरा गाजियाबाद में रहते हैं। 30 मई 2011 को पति-पत्नी त्रिलोकपुरी 22 ब्लॉक में एक मकान खरीदने के इरादे से पहुंचे। रंजीत के मुताबिक यहां उन्हें कुंवरपाल और राकेश नामक दो शख्स मिले। दोनों ने दंपति से न्यू कोंडली में 32 गज का एक प्लॉट देखने के लिए कहा। नीतू और रंजीत को प्लॉट पसंद आ गया। 5 मई को कुंवरपाल ने दंपति को चिल्ला डीडीए फ्लैट बुलाया। वहां राकेश के अलावा शांति भारती और उसकी बेटी सुनीता भी मौजूद थी।
कुंवरपाल ने प्लॉट के कागज दिखाकर शांति को प्लॉट का मालिक बताया। उसी समय कागजी कार्रवाई के बाद रंजीत ने दो लाख रुपये बतौर बयाना शांति को दे दिए। बाद में चेक के जरिये सात लाख रुपये रंजीत ने शांति को दिए। प्लॉट की आठ जुलाई को कुंवरपाल ने दंपति को रजिस्ट्री कराने के लिए 50 हजार रुपये दिए। नौ जुलाई को जबकि नीतू और रंजीत प्लॉट पर कब्जा लेने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि प्लॉट शांति नाम नहीं है। बाद में पीड़ित को पता चला है कि उन्हें प्लॉट के नाम ठगा गया है।