साईं के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद ट्रस्ट की बैठक
उल्लेखनीय है कि साईं बाबा के पास बेशुमार दौलत और संपत्ति है। एक अनुमान के मुताबिक उनकी संपत्ति का कुल मूल्य 40,000 करोड़ रुपये से ऊपर है। साईं बाबा काफी समय से अस्वस्थ है उनकी सहमति से से ट्रस्ट ही अब तक उनकी सारी संपत्ति और चढ़ावों का लेखा-जोखा रखता रहा है और देख-रेख भी करता आया है। ऐसे में उनके अंतिम संस्कार के तुरंत बाद ट्रस्ट एक आपात बैठक कर उन की संपत्ति पर खड़े हो रहे सवालों पर अपनी प्राथमिक रणनीति बनाने का फैसला कर चुका है। साईं बाबा का दाह-संस्कार बुधवार को किया जाएगा।
ट्रस्ट के सामने इस समय लाखों सवाल मुंह बाये खड़े हैं। असली मुद्दा साईं के रिश्तेदारों और ट्रस्ट के अन्य अध्कारियों के बीच फंस रहा है। बाबा के ना रहने पर ट्र्स्ट का सर्वोपरि कौन होगा ये अभी रहस्य में है और इसका फैसला अचानक किया जाना संभव भी नहीं है। ट्रस्ट को सबसे पहले ये फसला लेना है कि बाबा के बेहद करीबी रहे सत्यजीत को ट्रस्ट में शामिल किय जाय या नहीं। 33 वर्षीय सत्यजीत बाबा के अंतिम दिनों में भी हमेशा उनके पास रहे। सत्यजीत पांच साल की उम्र में तमिलनाडु से बाबा के पास आए थे और उन्होने यहीं रह कर अपनी सारी पढ़ाई पूरी की है।
दूसरी ओर आंध्र सरकार भी इस मामले में बेहद सक्रिय है। उसने पहले ही एक 6 सदस्यीय दल ट्रस्ट और बाबा की संपत्ति की देख-रेख के लिए राज्य सरकार की ओर से नियुक्त कर दिया है। इसके बाद सरकार पर आक्षेप भी लगे थे कि वे साईं बाबा की बेशुमार दौलत पर कब्जा करने के सपने देख रही है। माना जा रहा है कि साईं बाबा ट्र्सट की साल 1972 में स्थापना के बाद से ये पहली मीटिंग होंगी जब बाबा इसमें उपस्थित नहीं होंगे।