देश भर में धूम-धाम से मनायी गई महा शिवरात्रि
दिल्ली में बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में दर्शनों के लिए पहुंचे। चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर व कड़कड़डूमा शिव मंदिर में सुबह से ही भक्त महिलाएं कतारों में खड़ी होकर भगवान के दर्शन के लिए इंतजार कर रही थीं।
वाराणसी में जयकारे
इस अवसर पर धर्मनगरी काशी (वाराणसी) के प्राचीन विश्वनाथ मंदिर सहित उत्तर प्रदेश के सभी शिव मंदिरों में तड़के ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर बम-बम भोले के जयकारे गूंज उठे।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए हजारों शिवभक्त रात से ही डेरा डाले थे। तड़के शिवभक्तों ने गंगा में डुबकी लगाकर बाबा विश्वनाथ को बेल, धतूरा और दूध अर्पित किया। इस मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए।
वाराणसी के पुलिस अधीक्षक (शहर) विजय भूषण ने संवाददाताओं को बताया, "महाशिवरात्रि के मद्देनजर काशी विश्वनाथ मंदिर और उसके आस-पास भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए।"
ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन संगम में स्नान करके भगवान शिव की पूजा करने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
इलाहाबाद
में
गंगा,
यमुना
और
अदृश्य
सरस्वती
के
पवित्र
संगम
पर
भक्तों
का
जनसैलाब
उमड़
पड़ा।
श्रद्धालुओं
ने
संगम
में
डुबकी
लगाकर
तट
पर
स्थित
मनकामेश्वर
व
अन्य
शिव
मंदिरों
में
पूजा-अर्चना
की।
वहीं
लखनऊ
के
मनकामेश्वर
और
बुद्धेश्वर,
कानपुर
के
परमट,
रायबरेली
के
लोकेश्वर
मंदिरों
में
सुबह
से
ही
शिव
भक्तों
की
लंबी
कतारें
देखने
को
मिलीं।
जगमगा उठा पटना का गौरी शंकर मंदिर
इस अवसर पर बिहार के सभी शिवालयों में हर-हर महादेव के जयकारे गुंजायमान रहे। राजधानी पटना के गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर, माल्य महादेव, पीतल के महादेव, बाबा मुक्तेश्वर नाथ मंदिर सहित सभी छोटे-बड़े शिवालयों में महाशिवरात्रि के मौके पर सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ रही। शिवालयों को सजाया गया और कई शिवालयों में विशेष पूजन और रूद्राभिषेक का भी आयोजन किया गया।
हाजीपुर के पतालेश्वरनाथ मंदिर, रोहतास के गुप्ताधाम, बक्सर के बाबा ब्रह्ममेश्रनाथ मंदिर, भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष तैयारी की गई है। इसके अतिरिक्त लोग जहां भगवान शिव को खुश करने के लिए जलाभिषेक कर रहे हैं वहीं मंदिरों में षोडोपचार, अष्टादषोपचार पूजन क्रिया चली। कई स्थानों पर शोभायात्रा भी निकाली गई।
देश के प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर सहित मध्य प्रदेश के अन्य शिवालयों में इस मौके पर पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। इसके अलावा तमाम पवित्र नदियों के तटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार तड़के ही श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के जयकारों के साथ पूजा अर्चना का सिलसिला शुरू कर दिया। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन और पूजा अर्चना कर सुखमय जीवन की कामना की।
खंडवा में पूजा अर्चना
खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। इसके अलावा खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। बेतवा तथा नर्मदा नदी के तटों पर हजारों लोगों ने स्नान कर शिवालयों में शिव की आराधना की। उड़ीसा में 11वीं सदी के लिंगराज मंदिर में पूजा अर्चना के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु जमा हुए। यहां भद्रक जिले के अराडी में स्थित अखंडदलमणि मंदिर में भी देशभर से पहुंचे करीब 50,000 श्रद्धालु जमा हुए। पुरी के लोकनाथ मंदिर व अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों में भी बड़ी संख्या में उपासक पहुंचे।
जम्मू एवं कश्मीर के शिव मंदिरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे हुए हैं। जम्मू के शिव-खोरी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कश्मीरी पंडित रात से ही अपने घरों में विशेष पूजा कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।