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2जी से बड़ा एस-बैंड घोटाला, घेरे में पीएम

By Ajay Mohan
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S-Band Scam
नई दिल्ली। 1.76 लाख करोड़ के घोटाले के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा चारों तरफ से घिर गए। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है, जिसमें राजा से भी बड़े बेताज बादशाह के होने की खबर आयी है। घोटालों का यह बादशाह कौन है, यह तो अभी नहीं पता चला है, लेकिन हां इस बार घोटाले की रकम 2जी से ज्‍यादा 2 लाख करोड़ रुपए है। यह है एस-बैंड स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला। खास बात यह है कि इस घोटाले के घेर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी आ गए हैं।

कैग की रिपोर्ट एस-बैंड स्पेक्ट्रम की बिक्री में हुए 2 लाख करोड़ रुपये का यह घोटाला देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर किया गाय। वर्ष 2005 में भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (इसरो) के व्यवसायिक धड़े एंट्रिक्स कॉपोरेशन लिमिटेड और देवास मल्टी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच 70 मेगा हर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर 20 वर्ष का करार हुआ था।

इस स्‍पेक्‍ट्रम के माध्‍यम से अपनी पहुंच दूर-दराज़ के इलाकों तक बढ़ाई जा सकती है। दूरदर्शन ने देश के दूरदराज के इलाकों में अपना प्रसारण पहुंचाने के लिए इस स्‍पेक्‍ट्रम और तकनीक का इस्तेमाल किया था। इस स्पेक्ट्रम के जरिए तकरीबन पूरे देश में संपर्क किया जा सकता है। आरोप है कि एंट्रिक्‍स ने देश के सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए देवास मल्‍टीमीडिया को बिना नीलामी के स्‍पेक्‍ट्रम आवंटित कर दिया।

सीएजी को संदेह है कि एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन में सरकारी खजाने को करीब दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। इस घोटाले के उजागर होते ही इसरो ने जांच शुरू कर दी है। खास बात यह है कि यह विभाग सीधे प्रधानमंत्री के नियंत्रण में आता है। इस लिहाज से इस घोटाले में पीएम मनमोहन सिंह भी घेरे में आ गए हैं। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमान से निकले तीर प्रधानमंत्री पर चलाने शुरू भी कर दिए हैं।

भाजपा ने इस मामले को हाथों-हाथ लेते हुए इसे 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से भी बड़ा घोटाला करार दिया और सीधे मनमोहन सिंह से सफाई मांगी। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने सोमवार को संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा, "सीएजी ने एस-बैंड स्पेक्ट्रम की बिक्री में हुए कथित घोटाले को लेकर जो अनुमान लगाया है उससे प्रतीत होता है कि यह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले से भी बड़ा घोटाला है। यह अंतरिक्ष मंत्रालय का मामला है और यह मंत्रालय सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अधीन है। इसलिए हम चाहते हैं प्रधानमंत्री सीधे इस मामले पर अपना बयान दें।"

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English summary
After 2G spectrum scam UPA Government is now facing another scam bigger than that- S-Band Spectrum scam. Comptroller and Auditor General (CAG) has started probing an alleged S-band scam. in this controversy related to ISRO, Prime Minister Manmohan Singh is being targeted by opposition.
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