चीन शनिवार 13 नवम्बर को को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने जा रहा है.
चीन के ग्वांगजो एशियाई खेलों में चीन की महिला टीम शनिवार को पहले मुक़ाबले में मलेशिया के सामने होगी.
ग्वांगजो में हो रहे एशियाई खेलों में क्रिकेट को पहली बार शामिल किया गया है.
संभावना है कि इस मौके पर बारह हज़ार की दर्शक क्षमता वाला नया नवेला स्टेडियम खचाखच भरा होगा. एक हफ़्ते तक चलने वाली इस प्रतिस्पर्धा की सभी टिकटें बिक चुकी हैं.
आईसीसी का मानना है कि चीन क्रिकेट का एक बडा बाज़ार है और टिकट बिक्री के ये आंकडे़ आईसीसी के तर्क को बल देते हैं.
पुरुष वर्ग के मुक़ाबले नवम्बर 21 से शुरु होगें और टी-20 शैली में खेले जाएगें.
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर राशिद ख़ान चीन की महिला क्रिकेट टीम की कोच है और वो इस आयोजन को चीनी क्रिकेट के लिए बड़ा अवसर मानते हैं.
राशिद खान कहते हैं "हमारी टीम ने इस आयोजन के लिए कड़ी मेहनत की है. मैं गोल्ड मेडल का दावा तो नहीं कर सकता पर ये ज़रुर कह सकता हूँ कि ये टीम कई लोगों को चौंकाएगी."
एशियन क्रिकेट कांउसिल की पहल पर 2006 में राशिद खान ने चीनी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देना शुरु किया था.
राशिद खान कहते हैं कि चीनी खिलाड़ियों को ये नया खेल सिखाने में कोई खास परेशानी नहीं हुई.
खेल सिखाने की इस पूरी प्रक्रिया में आई अड़चनों पर राशिद खान कहत हैं," इनको सिखाना काफ़ी मुशकिल नहीं था, फ़िल्डिंग और बॉलिंग सीखने में खिलाड़ी तेज़ थे.पर बैटिंग सीखने में काफ़ी अभ्यास की ज़रुरत होती है. ये खिलाड़ी अब भी ज़्यादा चौके-छक्के नहीं लगा पाते."
ग्रुप ए में चीन का मुक़ाबला मलेशिया, थाईलैंड और पाकिस्तान से है. जिसमें से दो टीम सेमीफ़ाइनल के लिए चुनी जाएगी. दूसरे ग्रुप में बांग्लादेश, हॉंन्गकॉन्ग, जापान और नेपाल हैं.
अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में व्यस्त होने की वजह से भारत ने एशियाई खेलों के लिए अपनी टीम नहीं भेजी है. जबकि श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश ने अपनी दोयम दर्जे़ की टीम को इन खेलों के लिए भेजा है.