इंडियन ओवरसीज बैंक करेगा सॉफ्टवेयर इकाई की स्थापना
बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बैंक इस सहायक इकाई के माध्यम से इस क्षेत्र में एशिया और अफ्रीका के विशाल बाजार का दोहन करना चाहता है।
बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एम. नरेंद्र ने कहा कि बैंक के अंदर ही एक कोर बैंकिंग सोल्यूशंस (सीबीएस) स्थापित किया गया था। अब वे अपने बैंक से बाहर भी अपने सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन का एक बड़ा बाजार देखते हैं।
उन्होंने कहा कि अभी बैंक को गैर बैंकिंग सेवा के क्षेत्र में कारोबार बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अनुमति लेनी होगी।
सॉफ्टवेयर सहायक इकाई की स्थापना का विचार तब आया जब दूसरे बैंकों ने भी आईओबी से सॉफ्टवेयर के लिए संपर्क किया।
बैंक के सूचना प्रौद्योगिकी के महाप्रबंधक एम. एस. राघवन ने कहा कि चूंकि हम सॉफ्टवेयर बेचने का कारोबार नहीं करते इसलिए हम अपना सॉफ्टवेयर नहीं बेच सकते। हमने दूसरी कम्पनियों से साझेदारी के लिए अभिरुचि आमंत्रित की।
उन्होंने बताया कि 16 प्रौद्योगिकी कम्पनियों ने बैंक के साथ साझेदारी करने में अभिरुचि दिखाई है।
राघवन ने कहा कि इस क्षेत्र में हमने हार्डवेयर में सिर्फ 45 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो दूसरे बैंकों के मुकाबले बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि बैंक की नजर बांग्लादेश, अफ्रीका और कुछ अन्य देशों के बाजारों पर है।
उन्होंने कहा कि कुछ दूसरे बैंक भी इस दिशा में कारोबार बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में टाटा कंसल्टेंसी फर्म के साथ वित्तीय सेवा बाजार के लिए सॉफ्टवेयर बनाने के लिए हाथ मिलाया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।